भाजपा एमएलए की जेल से रिहाई पर समर्थकों ने निकाला जुलूस, कोरोना गाइड लाइन की उड़ाई जमकर धज्जियां

सलूम्बर से भाजपा के विधायक अमृतलाल मीणा को 11 दिन बाद जेल से रिहाई मिल गई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायक का जुलूसपूर्वक स्वागत किया और कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां निकाली। इस दौरान पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बना रहा।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 07:56 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 07:56 PM (IST)
भाजपा एमएलए की जेल से रिहाई पर समर्थकों ने निकाला जुलूस, कोरोना गाइड लाइन की उड़ाई जमकर धज्जियां
भाजपा के विधायक अमृतलाल मीणा की जेल से रिहाई पर समर्थकों ने निकाला जुलूस

उदयपुर, संवाद सूत्र। सलूम्बर से भाजपा के विधायक अमृतलाल मीणा को 11 दिन बाद जेल से रिहाई मिल गई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायक का जुलूसपूर्वक स्वागत किया और कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां निकाली। इस दौरान पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। अपनी पत्नी को फर्जी अंकतालिका से सरपंच का चुनाव लड़वाने और अंकतालिका पर बतौर अभिभावक हस्ताक्षर करने के मामले में उदयपुर जिले की सलूम्बर सीट से दूसरी बार विधायक भाजपा के अमृतलाल मीणा पिछले दस दिन से सलूम्बर की उप जिला जेल में न्यायिक हिरासत में थे।

गुरुवार को उनकी जमानत अर्जी राजस्थान हाईकोर्ट ने मंजूर कर उनकी रिहाई के आदेश दिए थे। जिसकी प्रति शुक्रवार को विधायक के वकील को मिली और शुक्रवार दोपहर उन्हें जेल से उनकी रिहाई हुई। विधायक के जेल से छूटने पर भाजपा समर्थकों ने उनका स्वागत विजय जुलूस की तरह किया। फूलमालाओं से लादकर विधायक का ढोल—नगाड़ों से स्वागत किया गया। इस बीच बड़ी संख्या में भाजपा समर्थकों की भीड़ उमड़ी लेकिन पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक की भांति वहां मौजूद रहा।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विधायक अमृतलाल मीणा ने 12 जुलाई को सराड़ा कोर्ट में सरेंडर किया था। उसी दिन उनकी जमानत अर्जी को लेकर सुनवाई हुई, किन्तु अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के आदेश किए। जिसके बाद विधायक को सलूम्बर की उप जिला जेल में भेज दिया गया। अगले दिन सलूम्बर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने भी उनकी जमानत अर्जी ठुकरा दी थी, जिसके बाद विधायक के वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट का रूख किया था।

ग्यारह रातें जेल में बिताने के बाद शुक्रवार को विधायक की रिहाई संभव हो पाई। गौरतलब है कि पत्नी को फर्जी अंकतालिका से चुनाव लड़वाने तथा अंकतालिका में बतौर अभिभावक हस्ताक्षर करने वाले विधायक को सीआईडी—सीबी दोषी मानते हुए अदालत में चालान पेश कर चुकी है।

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