Rajasthan: पाली में ट्रेन की चपेट में आने से छह ऊंटों की मौत

Rajasthan पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दुदौड गांव के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से छह ऊंटों की मौत हो गई जबकि एक अन्य ऊंट गंभीर अवस्था में है उसका उपचार जारी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:38 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:38 PM (IST)
Rajasthan: पाली में ट्रेन की चपेट में आने से छह ऊंटों की मौत
पाली में ट्रेन की चपेट में आने से छह ऊंटों की मौत। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दुदौड गांव के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से  छह ऊंटों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य ऊंट गंभीर अवस्था में है, उसका उपचार जारी है। ये सभी ऊंट अंडरब्रिज जल भराव के चलते बंद होने के कारण रेलवे की पटरी को पार कर रहे थे, तभी अचानक से ट्रेन के आ जाने से सभी की उससे कटकट मौत हो गई। दुदोड़ गांव के दिनेश दास वैष्णव ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि मंगलवार देर रात को दुदोड़ के पास बने अंडरब्रिज में पानी भरे होने के कारण यहां से गुजर रहे सात ऊंटों ने रेलवे लाइन के ऊपर से निकलने का प्रयास किया, लेकिन अचानक आई ट्रेन ने उन सभी ऊंटों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे छह ऊंटों की मौके पर ही मौत हो गई व एक ऊंट गंभीर घायल हो गया।

घटना की जानकारी मिलने पर मारवाड़ प्रधान मंगलाराम देवासी मौके सहित अन्य लोग भी मौके पर पहुंचे व घटनास्थल का मौका मुआयना किया। प्रधान ने अंडरब्रिज का पानी खाली नहीं होने के कारण नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों व ठेकेदार से बात की व जल्द से जल्द अंडरब्रिज से पानी निकासी करवाने की बात कही। इधर, लाइनों के बीच में पड़े मृत ऊंटों को ले जाने के लिए रेलवे सहित स्टाफ सहित अन्य लोगों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। बाद में क्रेन के माध्यम से इन ऊंटों को ट्रेक से बाहर निकाला गया। गौरतलब है कि बरसात के दिनों में रेलवे के अंडर ब्रिज में पानी भर जाता है, जो कि कई दिनों तक भरा रहता है इससे यातायात प्रभावित होता ही है,साथ ही दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच छात्रों के अध्ययन और अध्यापन को लेकर तकरीबन डेढ़ साल से अधिक समय से विद्यालय बंद हैं। ऐसे में अब राजस्थान सरकार की एक मुहिम के तहत दूर-दराज इलाकों के रेगिस्तानी क्षेत्रों में ऊंट के जरिए अध्यापक बच्चों के घर पढ़ाने जाएंगे। ऐसा इसलिए किया गया है कि दूर-दराज इलाकों में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या भी है। साथ ही, बच्चों के पास स्मार्टफोन का ना होना भी एक कारण है। सरहदी जिले बाड़मेर में इसे प्राथमिक कोशिश के रूप से देखा जा रहा है, यहां शिक्षक स्कूल को ही छात्रों के दरवाजे तक ले जा रहे हैं। सरहदी जिले बाड़मेर में शिक्षक ऊंट से रेगिस्तानी इलाकों में ऐसे छात्रों के घरों तक जा रहे हैं, जिनके यहां मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं।

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