Rajasthan: आदिवासी बहुल इलाकों में चौथे दिन भी उपद्रव, पुलिस ने हाईवे मुक्त कराया; सरकार का दावा-शीघ्र समाप्त होगा आंदोलन

Protest In Dungarpur उपद्रवियों पर काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही हवाई फायर किए। उपद्रव बढ़ता देख सरकार ने डूंगरपुर के बाद उदयपुर जिले में भी धारा 144 लागू कर ही इंटरनेट सेवा आगामी आदेश तक के लिए बंद कर दी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 03:12 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 06:08 PM (IST)
Rajasthan: आदिवासी बहुल इलाकों में चौथे दिन भी उपद्रव, पुलिस ने हाईवे मुक्त कराया; सरकार का दावा-शीघ्र समाप्त होगा आंदोलन
राजस्थान के डूंगरपुर में चौथे दिन भी स्थिति तनावपूर्ण रही।

जयपुर, जागरण संवाददाता। Protest In Dungarpur: शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पद एसटी के अभ्यार्थियों से भरने की मांग को लेकर रविवार को चौथे दिन भी हिंसा जारी रही। आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले के साथ ही उदयपुर के कुछ हिस्सों में पथराव व आगजनी की घटनाएं रविवार को भी हुईं। पहाड़ियों पर जमें उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव करने के साथ ही रिहायसी इलाकों में तोडफोड़ व लूटपाट की। आगजनी की घटनाएं भी हुई। उपद्रवियों पर काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही हवाई फायर किए। उपद्रव बढ़ता देख सरकार ने डूंगरपुर के बाद उदयपुर जिले में भी धारा 144 लागू करने के साथ ही इंटरनेट सेवा आगामी आदेश तक के लिए बंद कर दी। हालांकि पुलिस ने बल प्रयोग कर करीब 54 घंटे बाद उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे को उपद्रवियों के कब्जे से मुक्त करा लिया।

इस हाईवे पर 10 किलोमीटर के एरिया में उपद्रवियों ने कब्जा कर रखा था। उपद्रवियों से मुक्त होने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हाईवे पर शांति मार्च किया। राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने दो टीम रैपिड एक्शन फोर्स की गांधी नगर से डूंगरपुर भेजी है। इसी बीच, सरकारी प्रतिनिधियों की उपद्रवियों के साथ बातचीत के दो दौर हुए। राज्य के जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन बामनिया व कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा ने दावा किया कि आंदोलन शीघ्र ही खत्म हो जाएगा, आंदोलनकारियों से बातचीत अंतिम दौर में चल रही है। सरकार ने शांति बहाली और आंदोलनकारियों से बातचीत को लेकर दो कमेटियां गठित की है। इनमें एक कमेटी बामनिया व मीणा की अगुवाई में बनाई गई है। इसमें कांग्रेस, भाजपा व ट्राइबल पार्टी के नेताओं को शामिल किया गया।

वहीं, दूसरी कमेटी में राजस्थान के अलावा इससे सटे गुजरात व मध्य प्रदेश के आदिवासी नेताओं को शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार, आंदोलनकारियों से बातचीत में तय किया जा रहा है कि अनारक्षित पदों पर एसटी के अभ्याथियों से भरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार एसएलपी दायर करेगी। इसके साथ ही आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए युवाओं को रिहा किया जाएगा। जिन लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए उन्हें वापस लेने को लेकर कानूनी राय ली जाएगी। शनिवार को पुलिस की फायरिंग मारे गए आंदोलनकारी तरूण अहारी के परिजनों को मुआवजा देने पर भी सहमति बनी है।

3300 के खिलाफ मामले दर्ज,100 से अधिक गिरफ्तार

पहाड़ियों पर जमें आदिवासी उपद्रवियों ने रविवार को झाड़ोल, श्रषभदेव,खेरवाड़ा व डूंगरपुर शहर की बस्तियों में पथराव, लूटपाट व आगजनी की। महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार की घटना भी हुई। करोड़ों की संपति को नुकसान पहुंचाया। चार दिन से जारी उप्रदव में 3300 लोगों पर केस दर्ज करने के साथ ही 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा को देखते हुए उदयपुर की गोगुंदा और सराड़ा पंचायत में 28 और 29 सितंबर को होने वाले पंचायत चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। अब तक कई होटल और दुकानों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की गई। डूंगरपुर में भी कई बाइकों को आग के हवाले कर दिया।

यह चाहते हैं आंदोलकारी

आंदोलनकारी शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से प्रदर्शन चल रहा था। गुरुवार से ज्यादा बवाल शुरू हुआ। 12 अप्रैल, 2018 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सामान्य शिक्षा के 5431 पदों पर भर्ती निकली थी। एसटी को 45 प्रतिशत, एससी को पांच प्रतिशत और सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण है। इस तरह सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे। राजस्थान पात्रता परीक्षा शिक्षक के लिए रीट में 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक वाले सामान्य वर्ग के 965 उम्मीदवार सिलेक्ट हुए। इन्हीं पदों पर रीट में 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक वाले एसटी के 589 उम्मीदवारों का चयन हुआ। इस तरह सामान्य वर्ग से कुल 1554 पद भरे और 1167 पद खाली रह गए। प्रदर्शनकारी इन्हीं खाली पदों पर एसटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।

chat bot
आपका साथी