Rajasthan: विद्युत शुल्क संबंधी प्रक्रियाओं का सरलीकरण, सीएम अशोक गहलोत ने नियमों में संशोधन को दी मंजूरी
Rajasthan अशोक गहलोत ने राजस्थान विद्युत (शुल्क) नियम-1970 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अशोक गहलोत के इस निर्णय के बाद वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है जो आगामी 31 अक्टूबर से प्रभावी होगी।
नई दिल्ली/जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विद्युत (शुल्क) नियम-1970 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अशोक गहलोत के इस निर्णय के बाद वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है, जो आगामी 31 अक्टूबर से प्रभावी होगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के बजट में राजस्व अर्जन विभागों में महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर उन्हें आनलाइन करने की घोषणा की थी। इस क्रम में विद्युत शुल्क संबंधी प्रक्रियाओं को सरलीकृत कर आनलाइन सुविधा दी गई है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति जो स्वयं के उपयोग, उपभोग या अन्य को निशुल्क आपूर्ति के लिए कैप्टिव पावर प्लांट से ऊर्जा उत्पन्न करता है, वह विभागीय वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण की सुविधा का लाभ ले सकेगा। जिससे व्यवहारी को विभागीय कार्यालय में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन प्रस्तुत करने के तीन दिवस में पंजीयन प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही तिमाही की समाप्ति के 30 दिनों के भीतर त्रैमासिक रिटर्न को विभाग की वेबसाइट के माध्यम से इलेक्ट्रानिक रूप से प्रस्तुत की जाने की सुविधा भी प्रदान की गई है।
गौरतलब है कि राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में कांग्रेस और भाजपा इन दिनों आमने-सामने हैं। दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच जमकर जुबानी जंग चल रही है। कुछ दिनों पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हनुमानगढ़ प्रकरण की तुलना उत्तर प्रदेश (यूपी) के लखीमपुर खीरी से करने पर भाजपा नेताओं को मूर्ख बताया था। अब इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ट्विटर पर भिड़ गए हैं। त्रिपाठी ने गहलोत के बयान का 13 सेकेंड का हिस्सा ट्वीट कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। हनुमानगढ़ मामले को लेकर भाजपा इन दिनों राजस्थान सरकार पर हमलावर है।