Rajasthan: नशीली दवाओं के कारोबारी श्याम मूंदड़ा को 30 जून तक जेल भेजा

Rajasthan अदालत ने मूंदड़ा और साजिद को 30 जून तक के लिए जेल भेज दिया। डीएसपी मुकेश सोनी ने बताया कि मई में ट्रांसपोर्ट नगर से जो साढ़े पांच करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त की थी उस मुकदमे में मूंदड़ा को गिरफ्तार किया गया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 03:39 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 05:42 PM (IST)
Rajasthan: नशीली दवाओं के कारोबारी श्याम मूंदड़ा को 30 जून तक जेल भेजा
नशीली दवा के मामले में पुलिस को गुमराह कर रहा है श्याम मूंदड़ा। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। राजस्थान के अजमेर में नशीली दवाओं के प्रमुख कारोबारी श्याम मूंदड़ा और उसके सहयोगी शेख साजिद को 17 जून को आगामी 30 जून तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। सात दिन का रिमांड समाप्त होने पर मूंदड़ा और साजिद को 17 जून को अजमेर की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संख्या-5 हीना परिहार की अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने अदालत को अब तक के अनुसंधान के बारे में बताया और आगे रिमांड की आवश्यकता नहीं बताई। ऐसे में अदालत ने मूंदड़ा और साजिद को 30 जून तक के लिए जेल भेज दिया। अनुसंधान अधिकारी और अजमेर के दक्षिण डीएसपी मुकेश सोनी ने बताया कि मई में ट्रांसपोर्ट नगर से जो साढ़े पांच करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त की थी, उस मुकदमे में मूंदड़ा को गिरफ्तार किया गया था।

इस मुकदमे में जांच का काम पूरा हो गया है इसलिए अब रिमांड की जरूरत नहीं है, लेकिन मूंदड़ा के विरुद्ध दो अन्य मुकदमे दर्ज हैं। सवा पांच करोड़ रुपये की नशीली दवाएं अजमेर के धोला भाटा और रामगंज क्षेत्रों से भी जब्त की गई थी। इन दोनों मुकदमों में अभी मूंदड़ा से पूछताछ की जानी है। चूंकि नशीली दवाओं के कारोबार में नागौर के मेड़ता निवासी कमलजीत मौर्य की भूमिका है, इसलिए अब पुलिस का फोकस मौर्य को तलाशने पर है। मौर्य की गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा कि जो नशीली दवाएं उत्तराखंड की हिमालय मेडिटेक कंपनी से मंगवाई जाती थी, उनकी बिक्री राजस्थान या राजस्थान के बाहर कहां कहां की जाती थी। सोनी ने बताया कि नशीली दवाओं इन प्रकरणों में जब भी आवश्यकता होगी, तब मूंदड़ा को अजमेर की सेंट्रल जेल से गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 17 जून को अदालत में मूंदड़ा की ओर से कोई वकील उपस्थित नहीं रहा। अलबत्ता सरकार की ओर से गंगाराम रावत ने उपस्थिति दर्ज करवाई।

नशीली दवा के मामले में श्याम मूंदड़ा पर पुलिस को गुमराह करने का आरोप
राजस्थान के अजमेर में गत दिनों मिली 11 करोड़ रुपये की नशीली दवाओं के मामले में पुलिस और औषधि नियंत्रक विभाग के अधिकारियों ने सीज की गई विनायक एजेंसी की दुकान और गोदाम को खोलकर जांच की। इस दौरान किसी भी तरह की अवैध नशीली दवाई नहीं मिली। वहींं, नशीली दवाओं के मामले में गिरफ्तार श्याम मूंदड़ा पुलिस को पुख्ता जानकारी नहीं देते हुए गुमराह कर रहा है। क्लॉक टावर थानाधिकारी दिनेश कुमावत ने बताया कि 24 मई और एक जून को अजमेर के रामगंज थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर व अलवर गेट थाना क्षेत्र में लगभग 11 करोड़ रुपये की नशीली दवाइयों की खेप पड़ी थी, यह दवाइयां श्यामसुंदर मूंदड़ा की होने की जानकारी मिलने पर मूंदड़ा को भी गिरफ्तार किया। एक जून को ही मूंदड़ा के भाई के नाम से संचालित स्टेशन रोड स्थित विनायक एजेंसी को भी सीज कर दिया गया था। मूंदड़ा के भाई लक्ष्मीनारायण मूंदड़ा के उपस्थित होने पर गवाह, पुलिस व ड्रग कंट्रोलर डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मौजूदगी में दुकान को खोला गया। दुकान में किसी भी तरह की एनडीपीएस घटक संबंधी दवाइयां नहीं मिली हैं, अन्य दवाएं दुकान में मिली हैं, जो इस श्रेणी में नहीं आती हैं। उन्होंने कहा कि अजमेर में जब्त 11 करोड़ रुपये की नशीली दवाइयां श्याम मूंदड़ा की ही हैं। इसके पुलिस के पास पुख्ता सबूत हैं।

पूछताछ में पुलिस को भी गुमराह कर रहा है मूंदडा

अजमेर का दवा कारोबारी श्याम मूंदड़ा भले ही अपनी जिम्मेदारी मेड़ता निवासी कमलजीत मौर्य पर डाले, लेकिन अजमेर पुलिस के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि अजमेर में तीन स्थानों से जब्त 11 करोड़ रुपये की नशीली दवाओं का मालिक श्याम मूंदड़ा ही है। इस मामले के जांच अधिकारी और दक्षिण क्षेत्र के डीएसपी मुकेश सोनी ने बताया कि मूंदड़ा से पहले जिन चार पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, उन सभी ने माना है कि मूंदड़ा ही नशीली दवाएं मंगवाता था और फिर इधर-उधर भेजवाया था। अजमेर में भी मूंदड़ा के निर्देश पर ही ट्रांसपोर्ट नगर, धोलाभाटा, रामगंज क्षेत्र में नशीली दवाएं रखवाई गई थीं। हालांकि पूछताछ के दौरान मूंदड़ा पुलिस को गुमराह कर रहा है और अपनी जिम्मेदारी नागौर मेड़ता निवासी कमलजीत मौर्य पर डाल रहा है, लेकिन पुलिस ने जो सबूत जुटाए हैं उससे जाहिर है कि जब्त दवाएं मूंदड़ा की है और मूंदड़ा ही नशीली दवाओं के कारोबार का प्रमुख व्यक्ति है। सोनी ने कहा कि 11 करोड़ रुपये की दवाएं खरीदना कोई छोटा काम नहीं है। इतनी बड़ी खरीद बड़ा और सक्षम कारोबारी ही कर सकता है। चूंकि मूंदड़ा का परिवार दवाओं का काम बरसों से करता आ रहा है, इसलिए उसे सब पता है कि नशीली दवाएं कौन सी कंपनी बनाती हैं तथा इसके खरीददार कौन-कौन हैं? स्वयं को बचाने के लिए मूंदड़ा ने एक अन्य व्यक्ति के नाम से दवा व्यवसाय का लाइसेंस भी ले रखा है। 11 करोड़ रुपये की जब्त दवाओं पर अभी तक भी अन्य किसी व्यक्ति ने क्लेम नहीं किया है। सोनी ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा के निर्देशन में जांच का काम चल रहा है। इसमें अजमेर शहर के तीन थाना अधिकारियों और जिला पुलिस की स्पेशल शाखा भी सहयोग कर रही है।

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