जयपुर में शुद्ध के लिए युद्ध, ढ़ाई हजार पुलिसकर्मियों ने 341 स्थानों पर मारे ताबड़तोड़ छापे, करीब 200 अपराधी गिरफ्तार

जयपुर में पुलिस ने शनिवार सुबह ताबड़तोड़ छापे मार कर अपराधियों की नींद उड़ा दी । पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए सुबह करीब 4 बजे आपरेशन शुरू किया । इस आपरेशन में 2500 पुलिसकर्मियों ने 341 स्थानों पर छापे मारकर करीब 200 अपराधियों को गिरफ्तार किया ।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 05:06 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 05:06 PM (IST)
जयपुर में शुद्ध के लिए युद्ध, ढ़ाई हजार पुलिसकर्मियों ने 341 स्थानों पर मारे ताबड़तोड़ छापे, करीब 200 अपराधी गिरफ्तार
जयपुर पुलिस ने सुबह 4 से लेकर 7 बजे तक चलाया आपरेशन

जागरण संवाददाता, जयपुर! राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस ने शनिवार सुबह ताबड़तोड़ छापे मार कर अपराधियों की नींद उड़ा दी । पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए सुबह करीब 4 बजे आपरेशन शुरू किया । इस आपरेशन में 2500 पुलिसकर्मियों ने 341 स्थानों पर छापे मारकर करीब 200 अपराधियों को गिरफ्तार किया । इन अपराधियों से दो दर्जन हथियार, जमीनों पर कब्जे और पैसों की वसूली के दस्तावेज बरामद किए गए। दो अपराधियों के पास विलुप्त प्रजाती के जानवर भी मिले हैं।

सूरज उगने से पहले शुरू हुई यह कार्रवाई सुबह 7 बजे खत्म हो गई। अपराधियों के नींद से जागने से पहले पुलिसकर्मी कई घरों और संदिग्ध स्थानों पर पहुंच गए । राजस्थान में अपराधियों को पकड़ने की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी पुलिसकर्मियों के साथ आपरेशन में शामिल हुए। पुलिस ने जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया,वह सभी वांछित अपराधी है।

जयपुर पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए यह आपरेशन दीपावली और ईद से पहले इसलिए चालाया ताकि शहर का माहौल खराब नहीं हो । पिछले कुछ दिनों में दुष्कर्म,हत्या,लूट,मारपीट की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी से जयपुर पुलिस की क्षमता पर सवालिया निशान लगाए जाने लगे थे । पुलिस की खराब होती छवि को साफ करने के लिए भी यह आपरेशन चलाया गया ।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजयपाल लांबा ने बताया कि पिछले दो माह से अपराधियों की रेकी की जा रही थी । पुलिसकर्मी उनकी प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख रहे थे। आपरेशन बेहद गोपनीय रखा गया । सभी पुलिसकर्मियों को शुक्रवार रात मुख्यालय में बुलाया गया और फिर उन्हे चार डीसीपी के नेतृत्व में अलग-अलग इलाकों में भेजा गया । इस आॅपरेशन का नाम "शुद्ध के लिए युद्ध ' रखा गया । यह नाम रखने का मकसद यह था कि अगर अपराधियों को इसके बारे में सूचना भी मिले तो वह इस आॅपरेशन को त्योहारों से पहले मिठाईयों में मिलावट की जांच का अभियान समझें और फरार नहीं हो सके ।

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