Rajasthan: चार माह में रिश्वत लेते पकड़े गए सात बड़े अफसर, कांग्रेस विधायक लगा रहे मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप

Rajasthan चार माह में एक-एक जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर और राज्य प्रशासनिक सेवा के पांच अधिकारियों के रिश्वत के मामलों में पकड़े जाने से साफ नजर आता है कि सरकार के प्रशासन में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 03:29 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 03:29 PM (IST)
Rajasthan: चार माह में रिश्वत लेते पकड़े गए सात बड़े अफसर, कांग्रेस विधायक लगा रहे मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप
रिश्वत लेते पकड़े गए सात बड़े अफसर, कांग्रेस विधायक लगा रहे मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान सरकार के प्रशासन में भ्रष्टाचार चरम पर है। चार माह में एक-एक जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर और राज्य प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के पांच अधिकारियों के रिश्वत के मामलों में पकड़े जाने से साफ नजर आता है कि सरकार के प्रशासन में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया। "आम जन में विश्वास, अपराधियों में भय व स्वच्छ व पारदर्शी प्रशासन" का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नारे का सरकारी मशीनरी पर कोई असर नहीं हो रहा है। हालात यह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक ही मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। राजस्थान में बह रही भ्रष्टाचार की गंगा में अब राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों ने भी हाथ धोए हैं। नए मामले के अनुसार राजस्व मंडल में सदस्य के रूप में तैनात दो आरएएस अधिकारी रिश्वत लेकर फैसले दे रहे थे।

शनिवार देर रात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उनके ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की जो रविवार को भी जारी रही। मंडल के चेयरमैन वेंकटेश्वरन पर भी आरोप लगे हैं, जिनकी जांच की जा रही है। ब्यूरो की जांच में सामने आया कि दोनों आरएएस अधिकारियों की दलाली का काम एक वकील करता था। वकील ही राजस्व मंडल में होने वाले फैसले खुद टाइप करता था और दोनों अधिकारी पैसे लेकर उन पर हस्ताक्षर करते थे। ब्यूरो की जांच में सामने आया कि राजस्व से जुड़ा कोई भी मामला यदि मंडल में गया तो बिना पैसे लिए उसका फैसला नहीं सुनाया जाता था। अब तक की जांच में तीनों के ठिकानों से करीब एक करोड़ रुपये नकद, जेवरात, प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिलने की बात सामने आई है। ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि आएएस अधिकारी सुनील शर्मा, बीएल मेहरड़ा और वकील शशिकांत जोशी को गिरफ्तार किया गया है। इन पर लंबे समय से निगरानी रखी जा रही थी।

किसी ने हाइवे नहीं बनने दिया तो किसी ने पेट्रोल पंप रोका

प्रदेश में बारां के जिला कलेक्टर और आइएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव को ब्यूरो की टीम ने 1.40 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा था। पेट्रोल पंप लगाने की एनओसी देने के बदले यह रिश्वत मांगी गई थी। वे फिलहाल जेल में हैं। इसके बाद इसी साल जनवरी में हाइवे बनाने वाली एक कंपनी से पैसे मांगने के आरोप में दौसा के पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। आइपीएस में चयन होने के बाद अग्रवाल को जम्मू-कश्मीर कैडर मिला, लेकिन राजस्थान की एक महिला अधिकारी से विवाह कर के वे यहां के कैडर में आ गए। अग्रवाल पर पुलिस थाना अधिकारियों ने भी रिश्वत मांगने के आरोप लगाए हैं। हाइवे बनानी वाली कंपनी से रिश्वत मांगने के आरोप में दो आरएएस अधिकारी पुष्कर मित्तल और पिंकी मीणा भी गिरफ्तार हुए थे। पुलिस अधीक्षक और दोनों आरएएस अधिकारियों ने कंपनी के प्रतिनिधियों को धमकी दी थी कि यदि रिश्वत नहीं दी तो हाइवे नहीं बनाने देंगे। पिछले माह जयपुर सिटी बस ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के एमडी विरेंद्र वर्मा रिश्वत के मामले में पकड़े गए।

खान मंत्री पर विधायक लगा रहे आराेप

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह लंबे समय से खान मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। भरत सिंह खान मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग को लेकर सीएम को कई बार पत्र लिख चुके हैं। उनका आरोप है कि मंत्री के कारण ही प्रदेश में अवैध खनन हो रहा है। 

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