Rajasthan Border: राजस्थान सीमा से पाकिस्तान में बात, सैटेलाइट फोन की मिली लोकेशन; सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

Rajasthan जैसलमेर में सैटेलाइट फोन का उपयोग किए जाने की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। सुरक्षाा एजेंसियों को मिले इनपुट के अनुसार जैसलमेर जिले के पोछीना गांव में सैटेलाइट फोन का उपयोग किया गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:37 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 09:37 PM (IST)
Rajasthan Border: राजस्थान सीमा से पाकिस्तान में बात, सैटेलाइट फोन की मिली लोकेशन; सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
राजस्थान सीमा पर सैटेलाइट फोन का हुआ उपयोग, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में सैटेलाइट फोन का उपयोग किए जाने की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। सुरक्षाा एजेंसियों को मिले इनपुट के अनुसार, जैसलमेर जिले के पोछीना गांव में बृहस्पतिवार देर रात को सैटेलाइट फोन का उपयोग किया गया। इस फोन से पाकिस्तान में बातचीत हुई। यह गांव पाकिस्तान सीमा से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। इनपुट मिलते ही सीमा सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस ने सर्च आपरेशन शुरू किया है, लेकिन अब तक यह पता नहीं चल सका है कि सैटेलाइट फोन से किसने बातचीत की है। पुलिस पोछीना गांव के साथ ही करड़ा और बींजराज का तला गांवों में लोगों से पूछताछ कर रही है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि दूरदराज के किसी व्यक्ति ने पोछीना गांव में आकर सैटेलाइट फोन से बात की हो। सीमावर्ती इलाकों में हल्की सर्दी का अहसास होने लगा है। सर्दी के मौसम में घुसपैठ की आशंका हमेशा रहती है। ऐसे में सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई गई है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी पाकिस्तान सीमा के निकट सैटेलाइट फोन के उपयोग की बात सामने आई थी। उस समय स्थानीय पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। 

सीमा पर बीएसएफ ने बनाई ये योजना

गौरतलब है कि पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के जैसलमेर में तेज धूल भरी आंधियों के कारण रेत के धारे (टीले) अपना स्थान बदलते रहते हैं। तेज हवाओं के साथ उड़ने वाली धूल के कारण कई बार तो तारबंदी और जीरों पाइंट वाले पिलर भी रेत में दब जाते हैं। धूल भरी तेज आंधियों के कारण तारबंदी को भी नुकसान पहुंचता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए बीएसएफ ने विशेष कार्य योजना बनाई है। इसके लिए केंद्रीय शुष्क क्षेत्र संसाधन संस्थान (काजरी) से मदद मांगी गई है। काजरी ने तेज हवाओं के साथ स्थान बदलने वाले रेत के धोरों को रोकने के लिए बीएसएफ को योजना तैयार कर के दी है। बीएसएफ के महानिरीक्षक पंकज घूमर का कहना है कि इस योजना के अमल में आने के बाद स्थान बदलते रेत के टीलों की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकती है।

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