Rajasthan Political Crisis: सतीश पूनिया बोले-शीशे का घर है कांग्रेस की सरकार, उनके लोग ही पत्थर मारकर गिराएंगे
Rajasthan Political Crisis सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार कुछ महीने की मेहमान है और भाजपा उप चुनाव की तैयारियों में जुटी है। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की सियासी संग्राम के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं।
उदयपुर, सुभाष शर्मा। राजस्थान में जारी सियासी संग्राम को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया कहते हैं कि कांग्रेस अब मजबूत पार्टी नहीं, बल्कि शीशे का घर बन चुकी है। उन्हीं के सदस्य पत्थर लेकर पीछे पड़े हुए हैं और उनके फेंके गए पत्थर से राज्य सरकार का गिरना तय है। पूनिया सोमवार को उदयपुर में थे। वह वल्लभनगर तथा धरियावद विधानसभाओं के संभावित उप चुनाव के लिए संगठन के पदाधिकारियों की बैठक लेने आए। इस बीच, खास बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुछ महीने की मेहमान है और भाजपा उप चुनाव की तैयारियों में जुटी है। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की सियासी संग्राम के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं।
इसके चलते ना तो राज्य में विकास हो पा रहा और ना ही कानून-व्यवस्था में सुधार। अपराधी अनियंत्रित हो रहे हैं हर दिन कोई ना कोई ऐसी घटना सामने आती है, जिससे प्रदेश के लोगों का सिर शर्म से झुक जाता है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री आंखें मूदें हुए हैं। बल्कि सरकार ने पुलिस से कुछ लोगों की जासूसी, फोन टैपिंग और उन्हें परेशान कराने में उपयोग ले रही है। यानी सत्ता सुख के आगे लोक धर्म को भुला दिया गया है। उन्होंने कहा कि कमजोर बुनियाद वाली सरकार लंबे समय तक नहीं टिकती। आपसी महत्वाकांक्षा और अंतर्विरोध जल्द ही इस सरकार को गिराएगी। इसीलिए भाजपा अभी से उप चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। उनका मानना है कि अगले एक-दो महीने गहलोत सरकार गिर जाएगी।
वसुंधरा राजे को पूरा सम्मान, भाजपा में नहीं है गुटबाजी
भाजपा में गुटबाजी तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनदेखी के सवाल पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी में किसी तरह गुटबाजी नहीं। विरोधी पार्टी अपनी झेंप मिटाने के लिए इस तरह की अफवाह फैला रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और हम सब की सम्मानीया हैं। जहां तक प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे का सवाल उठाया जाता है कि उसका निर्णय संसदीय कमेटी करती हैं। जो भी चेहरा प्रदेश में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का होगा, सभी पूरे समर्पण के साथ काम करेंगे। कांग्रेस के लोग भाजपा में मुख्यमंत्री के कई चेहरे होने की बात कहते हैं तो उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस पार्टी में वंशवाद नहीं, बल्कि जनवाद चलता है। इसीलिए हमारे यहां पहले से तय नहीं होता कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा?
पेट्रोल-डीजल की कीमतों के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार, राज्य वैट कम करे
पेट्रोल-डीजल की कीमत के शतक लगाने के मामले में भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीधे कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार कांग्रेस की तत्कालीन महमोहन सिंह सरकार ने इनकी कीमतों का निर्धारण किया था। इसलिए कांग्रेस या उनके नेता इस मामले में बोलने का अधिकार ही नहीं रखते। कीमतें घटानी है तो राज्य सरकार को वैट कम करना चाहिए। देश में सबसे ज्यादा वैट राजस्थान की गहलोत सरकार वसूल रही है।