Rajasthan: सांवलिया सेठ में 1.16 करोड़ से अधिक का चढ़ावा मिला

Rajasthan चित्तौड़गढ़ जिले के प्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलिया सेठ के भंडारे चौदह दिन में खोल लिए गए। जिनमें एक करोड़ सोलह लाख तिरेसठ हजार और छह सौ चौंतीस रुपये प्राप्त हुए। जबकि अभी अन्य माध्यमों से मिली दान राशि की गिनती शेष है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 03:39 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 03:39 PM (IST)
Rajasthan: सांवलिया सेठ में 1.16 करोड़ से अधिक का चढ़ावा मिला
सांवलिया सेठ में 1.16 करोड़ से अधिक का चढ़ावा मिला। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: होली के बाद परंपरा के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले के प्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलिया सेठ के भंडारे चौदह दिन में खोल लिए गए। जिनमें एक करोड़ सोलह लाख तिरेसठ हजार और छह सौ चौंतीस रुपये प्राप्त हुए। जबकि अभी अन्य माध्यमों से मिली दान राशि की गिनती शेष है। बताया गया कि श्री सांवलिया सेठ के भंडारे अमावस्या से पूर्व चतुर्दशी यानी शनिवार को खोले गए। भंडार से 94 लाख 35 हजार 634 रुपये नकद निकले, जबकि ऑनलाइन के जरिए 22 लाख 28 हजार रुपये की राशि मिली। इस तरह होली के बाद महज चौदह दिन में एक करोड़ 16 लाख 63 हजार 634 रुपये प्राप्त हुए। जबकि अभी छोटे नोट और सिक्कों की गिनती शेष है। इसके अलावा अन्य माध्यमों से मिली दान राशि की गणना बाकी है। भंडारे से निकली राशि की गिनती के दौरान अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रतन कुमार के साथ मंदिर मंडल के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। इससे पूर्व होली से पहले भी भंडार खोला गया था, जिसमें करीब नौ करोड़ का चढ़ावा प्राप्त हुआ था। साथ ही, भंडार से सोने व चांदी के आभूषण भी प्राप्त हुए थे।

हर महीने करोड़ों का चढ़ावा

सांवलिया सेठ मंदिर में हर महीने करोड़ों में चढ़ावा मिलता है। यहां आने वाले कई भक्त सोने तथा चांदी के आभूषण भी चढ़ाकर जाते हैं। देशी महीने की अमावस्या से आने वाली चतुर्दशी पर यहां भंडारे खोले जाते हैं और दान राशि की गिनती मंदिर मंडल ट्रस्ट के सदस्य करते हैं। पिछली महीने रिकार्ड नौ करोड़ रुपये से अधिक की दान राशि मिली थी। सांवलिया सेठ पर आने वाले भक्तों में राजस्थान के ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के भी लोग होते हैं। मंदिर में आए चढ़ावे से मिली राशि मंदिर विकास के साथ यहां आने वाले भक्तों को निशुल्क भोग में भी खर्च की जाती है। देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।

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