Rajasthan: सचिन पायलट बोले, मुझे सोनिया गांधी पर विश्वास
Rajasthan सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर मुझे पूरा विश्वास है। उनके आदेश पर ही कमेटी बनी थी। मुझे नहीं लगता है कि कमेटी के निर्णयों के क्रियान्वयन में और अधिक देरी होगी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के विधायकों की बगावत को करीब एक साल पूरा हो गया। कांग्रेस आलाकमान द्वारा बगावत थामने को लेकर पायलट खेमे से किए गए वादों के अनुसार अब तक सत्ता और संगठन में निर्णय नहीं हो सके हैं। वरिष्ठ नेता स्वर्गीय अहमद पटेल की अगुवाई में बनी कमेटी की शुरुआती बैठकों में गाइडलाइन तो तय हुई, लेकिन अमल नहीं हो सका। पटेल का निधन होने के बाद कमेटी सक्रिय नहीं है । इसी बीच, पायलट ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि अब और ज्यादा विलंब नहीं होगा। आलाकमान के समक्ष जो चर्चाएं की थी और जिन मुद्दों पर आम सहमति बनी थी, उस पर तुरंत प्रभाव से कार्यवाही होनी चाहिए, मुझे लगता है ऐसा होगा भी। पायलट ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर मुझे पूरा विश्वास है। उनके आदेश पर ही कमेटी बनी थी। मुझे नहीं लगता है कि कमेटी के निर्णयों के क्रियान्वयन में और अधिक देरी होगी।
उन्होंने कहा कि जहां तक मेरा अपना मानना है राज्य सरकार को ढ़ाई साल हो गए, घोषणा-पत्र में जो वादे किए थे, उनमें कुछ पूरे हो गए और कुछ बचे हैं। सरकार के बचे हुए कार्यकाल में वादों को पूरा करना होगा। राजनीतिक नियुक्तियों व मंत्रिमंड़ल विस्तार को लेकर मिलकर एकराय से निर्णय करेंगे। विधायक रमेश मीणा द्वारा दलित व आदिवासी विधायकों के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाए जाने पर पायलट ने कहा कि यह नाराजगी की बात नहीं है, जो सामाजिक मुद्दे हैं उन्हें हर जनप्रतिनिधि ने उठाया है।
गौरतलब है कि फरवरी, 2021 में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने फिर अपनी ताकत दिखाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चल रही खींचतान के बीच पायलट समर्थकों ने शुक्रवार को जयपुर जिले के कोटखावदा में किसान महापंचायत कर भाजपा पर कम सीएम और कांग्रेस नेतृत्व पर ज्यादा निशाना साधा। महापंचायत में 14 विधायकों व एक दर्जन से अधिक पंचायत व जिला परिषद पदाधिकारियों ने पायलट को प्रदेश का नेता बताते हुए कहा कि अब अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा। पायलट समर्थक विधायकों ने अपने संबोधन में अपनी ही सरकार और केंद्र को आड़े हाथों लिया। पायलट ने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि देश का किसान रो रहा है, केंद्र में सुनने वाला कोई नहीं है। किसान को सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए। केंद्र सरकार की तानाशााही के खिलाफ मजबूती से सभी मिलकर लड़ेंगे।