Rajasthan: सचिन पायलट बोले, कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय को सभी स्वीकार करते हैं

Rajasthan सचिन पायलट ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान सरकार और संगठन को बेहतर करने को लेकर कदम उठा रहा है। आलाकमान बहुत जल्द आवश्यक निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला हो लेकिन उसमें हमारी राय आनी चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:36 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 09:36 PM (IST)
Rajasthan: सचिन पायलट बोले, कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय को सभी स्वीकार करते हैं
सचिन पायलट बोले, कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय को सभी स्वीकार करते हैं। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान सरकार और संगठन को बेहतर करने को लेकर कदम उठा रहा है। आलाकमान बहुत जल्द आवश्यक निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला हो, लेकिन उसमें हमारी राय आनी चाहिए। पायलट ने कहा कि मैंने 20 सााल से देखा है कि कांग्रेस नेतृत्व जो निर्णय कर लेता है, उसे सभी स्वीकार करते हैं। नेतृत्व के निर्णय का सभी कार्यकर्ता सम्मान करते हैं,यह कांग्रेस की सदियों पुरानी परंपरा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना पायलट ने कहा कि हमने जो मुद्दे उठाए थे, उनके बारे में सब जानते हैं। हमने आलाकमान के सामने सुझाव रखे थे, जिससे आने वाले समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा आशीर्वाद मिले। हमें जो कहना था, वह नेतृत्व के समक्ष कह दिया। बुधवार देर शाम मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के लिए मेहनत की, सबकुछ न्योछावर किया, उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। पेगासस मामले की चर्चा करते हुए पायलट ने कहा कि लोग जानते हैं कि किस संस्था या व्यक्ति के माध्यम से अवैध तरीके से फोन हैंकिंग किया गया है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करेगी। 

गौरतलब है कि राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में जारी खींचतान के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के निर्णय से साफ हो गया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा स्वीकार नहीं होगा। अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य सही तरीके से नहीं होने और सरकार में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए चौधरी ने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा ईमेल और डाक से अध्यक्ष को भेज दिया था। उनके इस्तीफ को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। जोशी ने विधानसभा की 19 विभिन्न समितियों का गठन कर दिया है। इनमें से एक राजकीय उपक्रम समिति का सभापति चौधरी को बनाया गया है। उन्हें सभापति बनाने से साफ हो गया चौधरी का इस्तीफा स्वीकार होने वाला नहीं है।

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अगर उनका इस्तीफा स्वीकार करना होता तो चौधरी को सभापति नहीं बनाया जाता। जोशी ने सदाचार समिति के सभापति पद पर दीपेंद्र सिंह शेखावत को नियुक्त किया है। सदस्य के रूप में पायलट, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को बनाया गया है। ये सभी एक ही खेमे के नेता हैं। पायलट समर्थक मुरारी लाल मीणा को जनलेखा समिति, वेद प्रकाश सोलंकी को विशेषाधिकार समिति, राकेश पारीक को नियम समिति, रामनिवास गावड़िया को पुस्तकालय समिति, जीआर खटाणा को याचिका समिति में शामिल किया गया है। इसी तरह पायलट खेमे के इंद्रराज गुर्जर को आश्वासन समिति, अमर सिंह को अनुसूचित जाति कल्याण समिति, वीरेंद्र सिंह को राजकीय उपक्रम समिति और हरीश मीणा को एस्टीमेट समिति में शामिल किया गया है।

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