Rajasthan Politics: दलितों की अनदेखी के मामले पर अशोक गहलोत सरकार को घेरने में जुटा सचिन पायलट खेमा

पायलट खेमे ने आलाकमान के समक्ष कहा कि जब पंजाब में दलित को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है तो राजस्थान में एक भी कैबिनेट मंत्री क्यों नहीं है। पायलट खेमा दलितों से जुड़े सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में मंत्री नहीं होने का मामला भी उठा रहा है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 12:17 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 12:31 PM (IST)
Rajasthan Politics: दलितों की अनदेखी के मामले पर अशोक गहलोत सरकार को घेरने में जुटा सचिन पायलट खेमा
दलितों की अनदेखी के मुदे पर अशोक गहलोत सरकार को घेरने में जुटा सचिन पायलट खेमा

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद खत्म कराने को लेकर काफी प्रयास किए हैं। लेकिन दोनों ही नेता समझौता करने को तैयार नहीं है। गहलोत ने पायलट से बातचीत करने के स्थान पर पहले से ज्यादा दूरी बढ़ानी शुरू कर दी है। वहीं पायलट भी गहलोत को घेरने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच पायलट ने अब दलित अधिकारों को लेकर गहलोत को घेरने की रणनीति बनाई है।

इसी के तहत पायलट ने गहलोत मंत्रिमंडल में एक भी दलित के कैबिनेट मंत्री नहीं होने और अनुसूचित जाति आयोग व सफाई मजदूर आयोग का गठन अब तक नहीं होने पर आलाकमान के समक्ष शिकायत की है। गहलोत समर्थक दलित विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, प्रशांत बैरवा, विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रही शोभा सोलंकी इस मामले में अगले कुछ दिनों में दिल्ली जाकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने की तैयारी कर रहे हैं। विधायकों के साथ दलित समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को दिल्ली लेकर जाने की योजना बनाई गई है।

सूत्रों के अनुसार पायलट खेमे ने आलाकमान के समक्ष अपना पक्ष पहुंचाते हुए कहा कि जब पंजाब में दलित को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है तो राजस्थान में एक भी कैबिनेट मंत्री क्यों नहीं है। पायलट खेमा दलितों से जुड़े सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में मंत्री नहीं होने का मुदा भी उठा रहा है। पायलट खेमे का कहना है कि एक तरफ तो उत्तरप्रदेश में पार्टी वहां की भाजपा सरकार को दलित विरोधी करार देने में जुटी है। वहीं दूसरी तरह राजस्थान में इस वर्ग पर अत्याचार बढ़े हैं।

पायलट खेमे ने दलितों के साथ मारपीट, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं का ब्यौरा तैयार किया है, जिसे आलाकमान के समक्ष पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार एक दिन पहले चाकसू में डॉ.भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नहीं पहुंचने को लेकर सोलंकी ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से बात की है।

गहलोत आश्वस्त, आलाकमान उनकी मर्जी से करेगा फेरबदल

कांग्रेस के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी का कहना है कि गहलोत अपनी कुर्सी को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस कार्यसमिति के अधिकांश सदस्यों के साथ खुद के बेहतर व्यक्तिगत संबंधों के कारण गहलोत का मानना है कि राज्य में जो भी फेरबदल होंगे वह उनकी मर्जी के बिना नहीं होंगे। आलाकमान उन्हे विश्वास में लेकर ही निर्णय करेगा। पिछले तीन दिन में गहलोत ने अपने विश्वस्त विधायकों के साथ बातचीत की है।

इनमें कांग्रेस विधायकों अतिरिक्त निर्दलीय और बसपा से पार्टी में शामिल होने वाले विधायक शामिल हैं। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक राजेंद्र गुढ़ा गहलोत खेमे को मजबूत करने में जुटे हैं। इनकी रणनीति पायलट खेमे के विधायको को ज्यादा से ज्यादा सीएम के पक्ष में लाना है, जिससे जरूरत पड़ने पर उन्हे दिल्ली भी भेजकर गहलोत के लिए लॉबिंग कराई जा सके। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल मंत्रियों और विधायकों से निरंतर सम्पर्क साध रहे हैं। 

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