Rajasthan: प्रत्येक वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी में 27 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी

Rajasthan राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रत्येक वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी की दरों में 27 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बढ़ी हुई दरें एक जुलाई 2020 से लागू होंगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:54 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:54 PM (IST)
Rajasthan: प्रत्येक वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी में 27 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी
राजस्थान में प्रत्येक वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी में 27 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी। फाइल फोटो

नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान सरकार ने प्रदेश में सभी श्रेणियों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रत्येक वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी की दरों में 27 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बढ़ी हुई दरें एक जुलाई, 2020 से लागू होंगी। श्रम विभाग की ओर से इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, अब अकुशल श्रमिक को 225 रुपये के स्थान पर 252 रुपये प्रतिदिन या 6552 रुपये प्रतिमाह, अर्द्धकुशल श्रमिक को 237 रुपये के स्थान पर 264 रुपये प्रतिदिन या 6864 रुपये प्रतिमाह, कुशल श्रमिक को 249 रुपये के स्थान पर 276 रुपये प्रतिदिन या 7176 रुपये प्रतिमाह तथा उच्च कुशल श्रमिक को 299 रुपये के स्थान पर 326 रुपये प्रतिदिन या 8476 रुपये प्रतिमाह मजदूरी प्राप्त होगी। इस प्रकार प्रत्येक वर्ग को न्यूनतम मजदूरी में 702 रुपये प्रतिमाह का लाभ होगा। एक जुलाई, 2020 से प्रस्तावित न्यूनतम मजदूरी की दरों को एक जनवरी, 2019 से 30 जून, 2020 तक की अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में हुई वृद्धि के आधार पर तय किया गया है। न्यूनतम मजदूरी की दरों में पिछली वृद्धि एक मई, 2019 से लागू की गई थी।  

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर चल रहे टकराव का असर अब सरकारी फैसलों पर होता नजर आ रहा है। राज्य सरकार ने कुछ समय पहले केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों और सार्वजनिक उपक्रमों के लिए जमीन महंगी कर दी है। केंद्रीय एजेंसियों को अब राज्य सरकार के विभागों की तरफ सस्ती दर पर जमीन नहीं मिलेगी। शहरी क्षेत्रों में जमीन आवंटन नीति में बदलाव करते हुए नगरीय विकास और आवासन विभाग ने नए नियम लागू किए हैं। नई नीति के अनुसार केंद्र सरकार के लिए जमीन महंगी होगी। केंद्र सरकार के विभागों को रिजर्व प्राइस के साथ 20 प्रतिशत अतिरिक्त देना होगा। केंद्र सरकार के विभिन्न विभाग यहां अलग-अलग तरह प्रोजेक्ट्स के लिए राज्य सरकार से जमीन लेते रहते हैं। उधर, केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान के लिए मंजूर बड़े प्राजेक्ट रद होने से टकराव बढ़ा है। राज्य के भीलवाड़ा जिले में मेमू कोच फैक्ट्री का शिलान्यास कई साल पहले हुआ, लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रद कर दिया। इसी तरह डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल प्रोजेक्ट का काम भी रुका हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार ईस्टर्न राजस्थान कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना घोषत करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इस बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

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