राजस्थान लोक सेवा आयोग पर एबीवीपी का प्रदर्शन, प्रदेशभर में आन्दोलन तेज करने की चेतावनी, शिक्षामंत्री से मांगा इस्तीफा
आरएएस 2018 चयन परिणाम को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठा पर खड़े हो रहे नित नए सवालों के बीच ही शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आयोग कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। आयोग अध्यक्ष बोले उन्हें अभ्यर्थियों से मतलब और कोई सरोकार नहीं
अजमेर, जागरण ब्यूरो। आरएएस 2018 चयन परिणाम को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठा पर खड़े हो रहे नित नए सवालों के बीच ही शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आयोग कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। एवीबीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता आरएएस 2018 चयन में हुई कथित धांधली को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे थे।
एवीबीपी के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा पद के प्रभाव का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किए जाने की निंदा की। एवीबीपी कार्यकर्ताओं ने इस मसले पर प्रदेश भर में आन्दोलन तेज किए जाने की जानकारी भी दी।
एवीबीपी के संगठन मंत्री हरीश ने बताया कि शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में एवीबीपी के कार्यकर्ताओं ने आरएएस 2018 चयन में हुई धांधली को लेकर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिभाओं के साथ अन्याय है। पदाधिकारियों ने कहा कि कथित घूसखोरी और सिफारिश से चयनित अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में 80 से अधिक अंक मिलना अपने आप में दर्शाता है कि साक्षात्कार में सिफारिशों को तवज्जो दी गई और आंख बंद कर अंक बांटे गए। एवीबीपी के पदाधिकारियों का कहना था कि जिन्हें भी साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक दिए गए वे सभी सिफारिशी थे और उनका चयन हुआ। जबकि उनमें से अधिकांश के मुख्य परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक भी बमुश्किल आए। एवीबीपी के पदाधिकारियों ने कहा कि इससे आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। आयोग की निष्पक्षता और चयन में पारदर्शिता पर काला दाग लगा है। सरकार और अदालतों को इसपर संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
आयोग अध्यक्ष बोले उन्हें अभ्यर्थियों से मतलब और कोई सरोकार नहीं
आयोग अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह ने तमाम विवादों के बीच आरएएस 2018 का परिणाम जारी कर मीडिया को कहा कि उन्हें अभ्यर्थी से सरोकार वह किसका भाई, साला, या भतीजा अथवा रिश्तेदार है इससे कोई मतलब नहीं होता। उन्होंने कहा कि आयोग की चयन प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष है। साक्षात्कार लिया जाना चयन प्रक्रिया का हिस्सा है। साक्षात्कार में आयोग के सदस्यों का बोर्ड में शामिल होना भी संवैधानिक ही है। अभ्यर्थियों की सूची बोर्ड को अंत समय में रेण्डम कम्प्यूटराइज तरीके से निकलने पर ही मिलती है। कोन सदस्य किस बोर्ड में बैठेगा यह भी मालूम नहीं होता। अभ्यर्थियों के ना तो नाम होते हैं ना रोलनंबर फिर सिफारिश किसकी कौन कैसे कर सकता है ।
आरपीएससी की भर्तियों में हमेशा होता रहा है विवाद
आदि अनेक मामले हैं जिनसे आरपीएससी की छवि धूमिल होती रही है और अभ्यर्थियों का विश्वास इस संवैधानिक संस्था से उठता जा रहा है।
घूसखोर कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह गुर्जर का जानने से मुकरे भैरो सिंह
इधर, एसीबी मुख्यालय पर पूछताछ के लिए बुलाए गए आरपीएससी सदस्य राजकुमारी गुर्जर के पति सेवानिवृत आईपीएस भैरो सिंह गुर्जर ने कहा कि वे आयोग के कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह गुर्जर से कोई सम्पर्क नहीं रखते। उनका सम्पर्क नरेन्द्र पोसवाल से था जो कि सिंकदरा टोल नाके पर आने जाने के दौरान मिलता था। भैरो सिंह ने रिश्वत की 23 लाख रुपए की राशि से खुद का कोई लेना देना होने से साफ इंकार किया।