Farmers Protest: राकेश टिकैत बोले, कृषि कानून वापस नहीं लिए तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ करेंगे संसद मार्च

Farmers Protest किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के सीकर में एक किसान रैली में कहा कि हमारा अगला आह्वान संसद के लिए मार्च के लिए होगा। अगर कृषि कानून वायस नहीं लिए जाएंगे तो इस बार चार लाख नहीं बल्कि 40 लाख ट्रैक्टर वहां जाएंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 03:01 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 04:46 PM (IST)
Farmers Protest: राकेश टिकैत बोले, कृषि कानून वापस नहीं लिए तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ करेंगे संसद मार्च
राकेश टिकैत बोले, कृषि कानून वापस नहीं लिए तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ करेंगे संसद मार्च। फाइल फोटो

जयपुर, एएनआइ। Farmers Protest: भारतीय कियान यूनियत (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत मंगलवार को राजस्थान के सीकर में एक किसान रैली में कहा कि हमारा अगला आह्वान संसद के लिए मार्च के लिए होगा। अगर कृषि कानून वायस नहीं लिए जाएंगे तो इस बार चार लाख नहीं बल्कि 40 लाख ट्रैक्टर वहां जाएंगे। चुरू में राकेश टिकैत ने कहा कि गुजरात को आजाद करवाना है। गुजरात भी बंधन में है। वहां के लोग बाहर निकलना चाहते हैं तो उन पर मुकदमें होंगे और जेलों में बंद होंगे। आंदोलन जारी रहेगा। आपकी एक नजर खेत पर रहनी चाहिए दूसरी नजर दिल्ली में आंदोलन पर और तीसरी नजर संयुक्त किसान मोर्चे पर। उनके मुताबिक, सरकार शोध केंद्रों की बात नहीं मानती है इसलिए आने वाले समय में संसद के पास पार्क में कृषि अनुसंधान केंद्र बनाना पड़ेगा। संसदीय समिति बनाएं और वहां कुछ फसलों की खेती करवाएं। जो लाभ-हानि हो समिति देखे और उस आधार पर फसलों के दाम तय करें।

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को यहां किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाली। केंद्र की राजग सरकार पर हमलावर राहुल ने कहा कि कृषिष ही एक मात्र व्यवसाय है जो 'भारत माता' से जु़ड़ा है। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से तीनों कृषिष कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर करने का आग्रह भी किया। राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड की दो दिन की यात्रा पर हैं। केरल में इसी साल अप्रैल और मई में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर हमला करने का एक भी मौका नहीं छो़ड़ा। राहुल गांधी ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने मनरेगा का मजाक उ़़डाया था, बाद में उसी योजना को उन्हें लागू करना पड़ा, क्योंकि यूपीए सरकार द्वारा लाई गई यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने का सबसे बड़ा जरिया है।

chat bot
आपका साथी