Internet Shut Down In Rajasthan: राज्यवर्धन सिंह राठौर ने राजस्थान सरकार से पूछा 78 बार इंटरनेट बंद करने की जरूरत क्यों पड़ी

Internet Shut Down In Rajasthan राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 साल में 315 बार और राजस्थान में 78 बार इंटरनेट बंद हुआ। राजस्थान सरकार बताए कि किस तरह की आतंकी घटनाएं हो रही हैं कि उन्हें 78 बार इंटरनेट बंद करने की जरूरत पड़ी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 05:11 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 05:11 PM (IST)
Internet Shut Down In Rajasthan: राज्यवर्धन सिंह राठौर ने राजस्थान सरकार से पूछा 78 बार इंटरनेट बंद करने की जरूरत क्यों पड़ी
भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर। फोटो एएनआइ

जयपुर, एएनआइ। भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने वीरवार को कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 साल में 315 बार इंटरनेट बंद हुआ और राजस्थान में 78 बार इंटरनेट बंद हुआ। राजस्थान सरकार बताए कि किस तरह की आतंकी घटनाएं हो रही हैं कि उन्हें 78 बार इंटरनेट बंद करने की जरूरत पड़ी। उनके मुताबिक, कांग्रेस बार-बार जम्मू-कश्मीर की तरफ सबका ध्यान आकर्षित करती है और भारत सरकार की तरफ अंगुली उठाती है कि वहां अभिव्यक्ति की आजादी को रोका जा रहा है, लेकिन क्या राजस्थान में आतंक की घटनाएं हो रही हैं कि पिछले एक महीने में चार बार इंटरनेट बंद किया गया है। राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राहुल गांधी ने 19 दिसंबर, 2019 को ट्वीट कर लिखा था कि इस सरकार को कोई अधिकार नहीं कि कालेज, इंटरनेट और टेलीफोन बंद कर दे। इसे मैं मानता हूं कि ये भारत की आत्मा की बेइज्जती है। वहीं, राजस्थान में पिछले एक महीने में चार बार इंटरनेट बंद किया गया है।

आरएएस प्री परीक्षा के दौरान फिर बंद रहा इंटरनेट

जोधपुर संवाद सूत्र के मुताबिक, आरएएस प्री परीक्षा को लेकर सूर्यनगरी जोधपुर शहर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में बुधवार को फिर सुबह से ही नेटबंद रहा। इससें से आम आदमी को भारी परेशानी हुई। संभागीय आयुक्त के निर्देशों पर सुबह नौ से एक बजे तक नेट बंद का पत्र जारी किया गया था, लेकिन निर्धारित एक बजे के बाद भी आदेश से सवा घंटा अधिक यानि दोपहर सवा दो बजे तक नेटबंद रहा। इससे न केवल बैंकिंग व्यवसाय प्रभावित हुआ , बल्कि इसका असर व्यापार और उद्योगों पर भी दिखा। जबकि नेटबंद के कारण आमजन को होने वाली परेशानी को लेकर मंगलवार को ही एक जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने दायर कर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। जोधपुर के संभागीय आयुक्त डा. राजेश शर्मा ने बुधवार को सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक आयोजित आरएएस प्री परीक्षा में नकल को रोकने के लिए नेट बंद की घोषणा एक दिन पहले ही कर दी थी। प्रशासन की ओर से कहा गया कि आरएएस परीक्षा में अन्य जिलों के परीक्षार्थी जोधपुर आ रहे हैं। कुछ नकल गिरोह परीक्षा की गोपनीयता को भंग कर सकते हैं। ऐसे में नकल की आशंका को रोकने के लिए नेट बंद करना अनिवार्य हो गया है। राज्य सरकार ने रीट व पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान भी नेटबंदी की थी।

नेट इमरजेंसी में ही किया जा सकता है बंद 

नेट बंद के कारण आमजन को होने वाली परेशानी को लेकर महिपाल सिंघवी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर नेटबंदी पर राज्य सरकार की मनमानी पर रोक लगाने का आग्रह किया था। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया कि वर्ष 2017 में बने नियमों के तहत सिर्फ पब्लिक सेफ्टी और पब्लिक इमरजेंसी के हालात में ही नेट बंद किया जा सकता है। किसी भी परीक्षा के आयोजन पर ये दोनों हालात लागू नहीं होते। वहीं, हाईकोर्ट में वर्ष 2018 में पेश अपने हलफनामे में राज्य सरकार स्पष्ट कह चुकी है कि प्रदेश में परीक्षा के दौरान नेटबंदी नहीं की जाएगी। इसके बावजूद हाल ही भर्ती परीक्षा में कई जिलों में नेटबंदी कर दी गई। इस कारण आनलाइन क्लास पढ़ने वाले छात्रों के अलावा आनलाइन लेनदेन व व्यापार करने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 23 नवंबर तक जवाब पेश करने को कहा है।

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