Rajasthan: राजसमंद विधानसभा उप चुनाव 2021- भाजपा, कांग्रेस के दर्जनों नेता मतदाताओं को अपने पक्ष में जोड़ने जुटे रहे

राजस्थान में तीन विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव हो रहे हैं लेकिन सहाड़ा और सुजानगढ़ की बजाय राजसमंद इनमें सबसे होट सीट बनकर उभरी है। राजसमंद विधानसभा उप चुनाव 2021- भाजपा कांग्रेस के दर्जनों नेता मतदाताओं को अपने पक्ष में जोड़ने जुटे रहे परिणाम बताएगा जनता ने रखा किसका मान

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 12:04 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 12:04 PM (IST)
Rajasthan: राजसमंद विधानसभा उप चुनाव 2021- भाजपा, कांग्रेस के दर्जनों नेता मतदाताओं को अपने पक्ष में जोड़ने जुटे रहे
जस्थान में तीन विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव हो रहे हैं

उदयपुर, सुभाष शर्मा। राजसमंद विधानसभा के लिए उपचुनाव के लिए गुरुवार शाम प्रचार समाप्त हो जाएगा लेकिन इस बीच दोनों दलों के प्रत्याशी और समर्थक जी-जान से मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में जोड़ने में जुटे हैं। यहां भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी और कांग्रेस के तनसुख बोहरा के बीच मुख्य मुकाबला है। दीप्ति दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी है, जबकि तनसुख की पहचान क्षेत्रीय उद्यमी और समाजसेवी के रूप में थी। दोनों दलों के कई मंत्री दर्जनों नेता लगातार यहां सक्रिय रहे। समर्थक अपने-अपने नेताओं के लिए खुलकर प्रचार कर रहे हैं, लेकिन आम मतदाता के मानस का पता परिणाम घोषित होने के बाद ही लग पाएगा। दीप्ति जहां अपनी दिवंगत मां किरण माहेश्वरी के नाम पर मतदाताओं को अपने पक्ष में जोड़ने में जुटी है, वहीं तनसुख अपनी समाजसेवी छवि को भुनाने में जुटे हैं।

कटारिया का महाराणा पर बयान डाल सकता परिणाम पर असर

भाजपा के प्रादेशिक दिग्गज नेता तथा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के पिछले दिनों महाराणा प्रताप पर दिए बयान को लेकर राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। राजपूत समाज ही नहीं, बल्कि आम मेवाड़वासियों के लिए महाराणा प्रताप प्रात: स्मरणीय हैं और उन्हें ईश्वर की तरह पूजते हैं। आम जनता में कटारिया के प्रति आक्रोश भाजपा के लिए चुनौती बन गया है। राजसमंद जिले में सवा दो लाख मतदाताओं में से चालीस हजार मतदाता राजपूत समाज से है। दूसरे नंबर पर कुमावत, तीसरे पर, गुर्जर तथा चौथे नंबर पर ब्राहृमण मतदाताओं की संख्या है, जो महाराणा प्रताप पर दिए बयान को लेकर कटारिया से नाराज हैं। हालांकि उनके मन में भाजपा प्रत्याशी दीप्ति को लेकर कड़वाहट नहीं है।

सर्व समाज और राजपूत समाज के विभिन्न संगठन गुरुवार देर शाम तक निर्णय लेंगे कि वह महाराणा प्रताप को लेकर कटारिया के दिए बयान को लेकर भाजपा का बहिष्कार करते हैं या मतदाताओं को स्वनिर्णय के लिए समर्थन करते हैं। हालांकि मेवाड़ तथा क्षेत्र के राजपूत संगठन कटारिया से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से नाराज हैं और भाजपा के विरोध में मतदान को लेकर समाज को मनाने में जुटे हैं। वल्लभनगर में आयोजित भाजपा की बैठक में महाराणा प्रताप की प्रतिमाएं पैरों में रखने को लेकर राजपूत समाज पहले से ही पूनिया और भाजपा से नाराज चला आ रहा है।

कांग्रेस और भाजपा के ये दिग्गज रहे राजसमंद में सक्रिय

यूं तो राजस्थान में तीन विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव हो रहे हैं, लेकिन सहाड़ा और सुजानगढ़ की बजाय राजसमंद इनमें सबसे होट सीट बनकर उभरी है। यहां कांग्रेस और भाजपा के दर्जनों नेता लगातार सक्रिय रहे। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, श्रम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) टीकाराम जूली, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग, युवा एवं खेल मामलात मंत्री अशोक चांदना, राज्यसभा सदस्य नीरज डांगी के अलावा एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी, यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा सहित पार्टी के कई विधायक सक्रिय रहे।

इसी तरह भाजपा से केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीस पूनिया, राष्ट्रीय समासचिव अरूणसिंह, केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेन्द्र राठौड़, सांसद दीया कुमारी, संगठन मंत्री चंद्रशेखर के अलावा पार्टी के बीस विधायक चुनाव प्रचार में जुटे रहे।  

chat bot
आपका साथी