बसपा से कांग्रेसी हुए विधायकों ने पायलट समर्थकों को गद्दार बताया तो सचिन खेमे ने कहा, पार्टी बदलने वालों को बात करने का अधिकार नहीं
पायलट की नहीं हो सकी राहुल और प्रियंका से मुलाकात-पायलट समर्थक विधायक शर्मा का यूटर्न बोले गहलोत को अपना नेता माने सचिन। अब हमें अपना हक मिलना चाहिए। वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि झोली झंडा उठाकर पार्टी बदलने वालों को बात करने का अधिकार नहीं है।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर । राजस्थान कांग्रेस का सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। कुछ दिनों पहले तक दबाव में नजर आ रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रणनीति के तहत पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के चार विधायकों को अपने पाले में लिया है। पिछले साल पायलट के साथ बगावत कर मानेसर रहे विधायक भंवरलाल शर्मा ने मंगलवार को यू टर्न किया और कहा कि गहलोत को आलाकमान ने मुख्यमंत्री बनाया है। पायलट को भी उन्हे नेता मानना पड़ेगा। दो अन्य विधायक विश्वेंद्र सिंह और पी.आर.मीणा भी पाला बदलकर गहलोत खेमे में पहुंच गए। ये तीनों ही विधायक पायलट के विश्वस्त माने जाते थे। इसी बीच बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय करने वाले विधायकों ने मंगलवार को जयपुर में बैठक कर पायलट पर निशाना साधा।
अब हमें अपना हक मिलना चाहिए
विधायक संदीप यादव ने कहा, जिन लोगों ने पार्टी के साथ गद्दारी की, सरकार को अस्थिर करने का काम किया वे अब आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं। आलाकमान को चाहिए कि वह पायलट खेमे को दरकिनार करे। गद्दारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। तीन अन्य विधायक राजेंद्र गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना व लाखन सिंह ने कहा कि अगर हम और 10 निर्दलीय साथ नहीं देते तो अब तक गहलोत सरकार गिर गई होती। हमारे कारण सरकार बची, अब हमें अपना हक मिलना चाहिए।
नहीं हो सकी राहुल व प्रियंका से मुलाकात
वहीं पायलट खेमे दो विधायकों मुकेश भाकर व राकेश पारीक ने आरोपों का जवाब कहा कि गद्दार तो बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक हैं,जिन्होंने मंत्री बनने के लिए दल बदला। दो साल में तीन पार्टी बदली । वे पहले भाजपा का टिकट मांग रहे थे,नहीं मिला तो बसपा में पहुंच गए। जिनका कांग्रेस से कोई जुड़ाव नहीं वे हम पर सवाल उठा रहे हैं। उधर 10 माह पुराने वादे को पूरा करने को लेकर आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत दिल्ली पहुंचे पायलट की राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात नहीं हो सकी।
पायलट खेमे ने सीएम पर निशाना साधा
भाकर और पारीक ने मंगलवार शाम प्रेस कांफ्रेंस कर सीएम पर निशाना साधा । उन्होंने कहा,कांग्रेस का विरोध करने वालों को सरकार में पद किए जा रहे हैं । कुमार विश्वास ने कांग्रेस का विरोध किया तो उनकी पत्नी को राज्य लोकसेवा आयोग का सदस्य बनाया गया । ये नियुक्ति सीएम ने कही । उन्होंने विधायकों के टेलीफोन टेप कराए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस वालों के सरकार मेें काम हो रहे हैं। अफसर हमारे फोन नहीं उठाते।
दोनों खेमे आमने-सामने, बात का अधिकार नहीं
गहलोत ने पोस्ट कोविड़ के चलते दो माह तक प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं करने की बात कही है। लेकिन वे घर में ही रहकर पायलट खेमे में सेंधमारी में जुटे हैं । सीएम की ही रणनीति के तहत 7वीं बार विधायक बने शर्मा ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि गहलोत मेरे नेता हमेशा रहेंगे। मसले को सुलझाने के लिए बनाई गई सुलह कमेटी की चर्चा करते हुए शर्मा ने कहा कि यह मामला लटकाने के लिए ही बनाई गई थी। इंद्रराज गुर्जर भी गहलोत के संपर्क में बताए जाते हैं। वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि झोली झंडा उठाकर पार्टी बदलने वालों को बात करने का अधिकार नहीं है।