Rajasthan Political Crisis: गहलोत और पायलट की दूरी कम करने में नाकाम साबित हो रहा कांग्रेस आलाकमान

Rajasthan Political Crisis मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तालमेल बिठाने व पार्टी के आंतरिक संघर्ष खत्म करने की कांग्रेस आलाकमान की कोशिश का फिलहाल असर नहीं दिखा पा रही है। गहलोत और पायलट की दूरी कम करने में नाकाम साबित हो रहा कांग्रेस आलाकमान।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 09:53 AM (IST)
Rajasthan Political Crisis: गहलोत और पायलट की दूरी कम करने में नाकाम साबित हो रहा कांग्रेस आलाकमान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तालमेल बिठाने व पार्टी के आंतरिक संघर्ष को खत्म करने की कांग्रेस आलाकमान की कोशिश का फिलहाल असर नहीं दिखा पा रही है। हालात है कि आलाकमान की काफी कोशिश के बावजूद गहलोत व पायलट के बीच बातचीत नहीं हो पा रही है। दोनों के बीच दूरी कायम है। इनमें आपसी टकराव के चलते ही मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियां टाली जा रही है। दोनों ही नेता एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते।

पायलट ने एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस आलाकमान ने उन्हे प्रदेश अध्यक्ष बनाया था तो पार्टी मात्र 21 विधायकों पर सिमटी हुई थी। राष्ट्रीय पार्टी की यह स्थिति बेहद चिंताजनक थी, लेकिन उन्होंने मेहनत कर के पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया। पायलट ने आलाकमान को याद दिलाया कि जिन कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण पार्टी सत्ता में आई अब उनका सम्मान करें। विपक्ष में रहते हुए जिन कार्यकर्ताओं ने मेहनत की उन्हे राजनीतिक नियुक्तियों में सम्मान मिलना चाहिए।

पायलट ने कहा कि दो साल हो चुके,कार्यकर्ता सत्ता में सम्मान का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस माह नियुक्तियों का काम पूरा हो जाएगा। पायलट ने उम्मीद जताई कि पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी जल्द ही अपना काम पूरा करेगी और कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि करीब 8 माह पूर्व पायलट और उनके खेमे की बगावत के समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दखल देखल उनकी वापसी कराई थी। प्रियंका ने उन्हे विश्वास दिलाया था कि जल्द ही एक बार फिर पार्टी सम्मान देगी। पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान व उनके खेमे के नेताओं को सत्ता और संगठन में समायोजित करने के लिए आलाकमान ने स्व.अहमद पटेल,संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल व महासचिव अजय माकन की एक कमेटी गठित की थी। अहमद पटेल का निधन हो गया।

पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी गठित हुई तो उसमे पायलट समर्थक एक दर्जन नेताओं को पदाधिकारी बनाया गया। अब पायलट खेमा मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों का काम जल्द पूरा करने को लेकर आलाकमान पर दबाव बना रहा है । दो दिन पहले जयपुर आए वेणुगोपाल ने गहलोत व पायलट से प्रदेश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की । इससे पहले माकन भी दोनों दिग्गजों से बात कर चुके।

पायलट लगातार दिखा रहे ताकत

पायलट जिलों का दौरा लगातार अपनी ताकत का अहसास मुख्यमंत्री और आलाकमान को करा रहे हैं । एक माह में उन्होंने पांच जिलों का दौरा किया। इस दौरान उनके खेमे के विधायक और पार्टी नेता साथ रहे । जयपुर में प्रतिदिन उनके आवास पर समर्थकों की भीड़ भी जुटती है। पायलट लगातार दबाव बना रहे हैं कि जल्द उनके समर्थकों को मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम उपकृत किया जाए।

गहलोत नहीं चाहते पायलट को तरजीह देना

आलाकमान की काफी प्रयासों के बावजूद सीएम गहलोत मंत्रिमंडल व राजनीतिक नियुक्तियों में पायलट खेमे को तरजीह देने को तैयार नहीं है । गहलोत लगातार किसी ना किसी बहाने इसे टाल रहे हैं । पायलट खेमे को घेरने और खुद को कांग्रेस व गांधी परिवार का निष्ठावान बताने को लेकर गहलोत कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं । पिछले कुछ दिनों में गहलोत द्वारा दिए गए बयानों से यह बात साफ झलकती है।

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