Rajasthan Panchayat Election: अलवर और धौलपुर में कड़ी सुरक्षा के बीच पहले चरण का मतदान

Rajasthan Panchayat Election राजस्थान के अलवर और धौलपुर जिलों में कड़ी सुरक्षा के बीच पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव के पहले चरण का सुबह 10 बजे तक 10.87 फीसद मतदान दर्ज किया गया है। मतगणना 29 अक्टूबर को होगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:55 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:55 PM (IST)
Rajasthan Panchayat Election: अलवर और धौलपुर में कड़ी सुरक्षा के बीच पहले चरण का मतदान
अलवर और धौलपुर में पहले चरण का मतदान। फाइल फोटो

जयपुर, प्रेट्र। राजस्थान के अलवर और धौलपुर जिलों में बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव के पहले चरण का मतदान हुआ। राज्य चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि सुबह 10 बजे तक 10.87 फीसद मतदान दर्ज किया गया। पहले चरण में दोनों जिलों में करीब 9,41,490 मतदाताओं नेअपने मताधिकार का प्रयोग किया। 1,263 मतदान केंद्र बनाए गए। इस चरण में सात पंचायत समितियों के 153 वार्डों के लिए 683 प्रत्याशी मैदान में हैं। दूसरे चरण का मतदान 23 अक्टूबर को और तीसरे चरण का मतदान 26 अक्टूबर को होगा। मतगणना 29 अक्टूबर को होगी। 

गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश की छह जिलों पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए हुए चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस बढ़त बनाने में कामयाब रही थी। अपने प्रत्याशियों की जीत और निर्दलीयों के भरोसे कांग्रेस 78 पंचायत समितियों के चुनाव में 60 फीसद से ज्यादा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा इस जीत को गहलोत सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि 77 लाख से ज्यादा ग्रामीण मतदाताओं ने अपना रुख साफ कर दिया कि वह कांग्रेस के साथ है। हालांकि राज्य में यह परंपरा (ट्रेंड) रही है कि जिस पार्टी की सरकार होती है, उसे पंचायत चुनाव में सफलता मिलती है। पंचायत समिति के 1564 वार्डों में कांग्रेस को 670,भाजपा को 551,राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 40 बसपा वार्डों में जीत मिली है। 290 वार्डों में निर्दलीय, 11 में बसपा व दो में एनसीपी की जीत हुई है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह भरतपुर में जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। वह भाजपा की तरफ से जिला प्रमुख बनने के दावेदार हैं। जगत सिंह ने कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। भरतपुर की 11 पंचायत समितियों में से कांग्रेस और भाजपा को एक में भी बहुमत नहीं मिला। हालांकि सदस्य कांग्रेस के ज्यादा जीते हैं। बहुमत के लिए दोनों को निर्दलियों के भरोसे रहना होगा। सिरोही जिले में आबूरोड़ के अतिरिक्त सभी पंचायत समितियों में कांग्रेस की हार हुई है। सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, जयपुर जिलों में भाजपा को आंतरिक झगड़े के कारण नुकसान उठाना पड़ा।

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