राम भगवान पर दिए बयान पर बढ़ते विरोध के बाद बैकफुट पर आए राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया
भगवान राम को लेकर दिए विवादित बयान को लेकर चौतरफा विरोध के बाद राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया मंगलवार को बैकफुट पर नजर आए। उन्होंने कहा कि यह सब उन्हें बदनाम करने के लिए विपक्ष की चाल है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। भगवान राम को लेकर दिए विवादित बयान को लेकर चौतरफा विरोध के बाद राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया मंगलवार को बैकफुट पर नजर आए। उन्होंने कहा कि यह सब उन्हें बदनाम करने के लिए विपक्ष की चाल है। वे और उनकी पार्टी भाजपा तो पिछले सत्तर सालों से भगवान राम के मंदिर निर्माण को लेकर लड़ते रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष कटारिया का कहना है कि भगवान राम के अपमान के बारे में तो वह सपने में भी नहीं सोच सकते। उन्होंने और उनकी पार्टी ने तो शुरूआत से भगवान राम के आदर्श पर चलने की शपथ खाई है और उसी आदर्श पर वह चल रहे हैं। विपक्ष के नेता केवल उन्हें बदनाम करने की नीयत से उनके संवाद को कांट—छांटकर पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि वे सभी अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाएंगे। कटारिया ने कहा कि उनकी पीड़ा यह है कि वह अब भगवान राम के मंदिर को लेकर अपनी राजनीतिक रोटियां नहीं सेंक पा रहे हैं।
भाजपा ने अदालत के आदेश के जरिए भगवान राम के मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और इसी से वह चिढ़े हुए हैं। इसीलिए उन्हें भगवान राम के नाम पर बदनाम करने के लिए निशाने पर लिया गया है। उनके वायरल किए जा रहे वीडियो में तथ्यों को तोड़—मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मैं और भाजपा भगवान राम का सम्मान ही नहीं करते, बल्कि वह हमारे आदर्श हैं। विरोधी यह भूल क्यों नहीं पाते कि भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने ही राम मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा निकाली थी।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही बाबरी मंदिर का विध्वंश किया और आज राम मंदिर की नींव रखी जा सकी। उन्होंने कहा कि यह काम उन लोगों का है, जिन्होंने राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठाए। सच तो यह है कि उन्हें तो राम और राम मंदिर के बारे में बोलने तक का हक नहीं। कटारिया का वह बयान, जो सोशल मीडिया पर वायरल है
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पिछले दिनों वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी नहीं होती तो भगवान राम समुद्र में होते। उन्होंने यह भी कहा कि हमें भगवान राम से मिलने के लिए समुद्र में जाकर मरना पड़ता।