Rajasthan: निर्जला एकादशी पर कोरोना महामारी के चलते उदयपुर में प्रभु जगन्नाथ लॉक, भक्त अनलॉक

कोरोना महामारी के चलते जगन्नाथ मंदिर के भक्तों का प्रवेश है बंदकहा जाता है कि उदयपुर भगवार जगन्नाथ यानी जगदीश मंदिर का निर्माण 1651 में पूरा हुआ था। मारू-गुजरात स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में बने इस शिखर मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 12:22 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 12:22 PM (IST)
Rajasthan: निर्जला एकादशी पर कोरोना महामारी के चलते उदयपुर में प्रभु जगन्नाथ लॉक, भक्त अनलॉक
कोरोना महामारी के चलते जगन्नाथ मंदिर के भक्तों का प्रवेश है बंद

उदयपुर, संवाद सूत्र। निर्जला एकादशी पर उदयपुर के विख्यात भगवान जगन्नाथ मंदिर (जगदीश मंदिर) में भक्तों का प्रवेश निषेध होने से वह मंदिर के मुख्य दरवाजे पर फूलमालाएं एवं पूजा सामग्री समर्पित कर आराधना कर रहे हैं। यह पहली बार है कि जब कोरोना काल में भक्त अनलॉक हैं लेकिन भगवान लॉक। उदयपुर के सिटी पैलेस रोड पर बने पांच सौ साल पुराने ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर में निर्जला एकादशी पर भगवान जगदीश के दर्शन तथा पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती थी। किन्तु कोरोना महामारी के चलते पहली बार जगदीश मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए बंद है।

पिछली बार निर्जला एकादशी पर भक्तों के लिए भगवान के दर्शन कराने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। जिसमें सीमित संख्या में भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया तथा दर्शन के बाद पिछले गेट से बाहर निकलने की व्यवस्था की गई थी। इस तरह निर्जला एकादशी पर पिछले साल भक्त भगवान के दर्शन कर पाए लेकिन इस बार निराश हैं। ऐसे में जगन्नाथ प्रभु के भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं लेकिन भगवान के दर्शन किए बगैर लौट रहे हैं। व्रत करने वाली महिलाएं माला तथा पूजा की अन्य सामग्री लेकर भगवान की चौखट तथा दरवाजे पर मालाएं एवं पूजन सामग्री समर्पित कर लौट रही हैं।

पुजारी रामगोपाल का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार की तय गाइड लाइन के चलते भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, हालांकि पूजा-अर्चना दैनिक रूप से लगातार की जा रही है। निर्जला एकादशी पर भगवान के दर्शन आॅनलाइन कराए जा रहे हैं। साथ ही मंदिर के बाहर स्क्रीन पर भगवान के दर्शन कराने की व्यवस्था भी की गई हैं।

कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ पुरी से यहां आए थे

उदयपुर भगवार जगन्नाथ यानी जगदीश मंदिर का निर्माण 1651 में पूरा हुआ था। मारू-गुजरात स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में बने इस शिखर मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ यहां उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर से यहां आए थे। पुरी की तरह यहां भी भगवान जगन्नाथ की विशाल रथयात्रा निकाली जाती है लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी के चलते कुछ भक्त तथा रथयात्रा समिति के पदाधिकारियों ने सांकेतिक रूप से रथयात्रा निकाली। रजत रथ पर भगवान जगन्नाथ को शहर भ्रमण कराया जाता है।

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