New Judges: राजस्थान हाईकोर्ट को मिले छह नए न्यायाधीश, मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने मुख्यपीठ जोधपुर में दिलाई शपथ

New Judges राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में मुख्य न्यायाधीश अकील अहमद कुरैसी ने नवनियुक्त जस्टिस फरजंद अली जस्टिस सुदेश बंसल जस्टिस अनूप कुमार ढंड जस्टिस विनोद कुमार भरवानी जस्टिस मदन गोपाल व्यास व छतीसगढ़ से स्थानांतरण होकर आए जस्टिस एमएम श्रीवास्तव को शपथ दिलाई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 05:27 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 05:27 PM (IST)
New Judges: राजस्थान हाईकोर्ट को मिले छह नए न्यायाधीश, मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने मुख्यपीठ जोधपुर में दिलाई शपथ
राजस्थान हाईकोर्ट को मिले छह नए न्यायाधीश। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान हाईकोर्ट के छह न्यायाधीशों ने सोमवार को शपथ ली। इसके बाद अब राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की संख्या 27 हो गई है। राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में मुख्य न्यायाधीश अकील अहमद कुरैसी ने नवनियुक्त जस्टिस फरजंद अली, जस्टिस सुदेश बंसल, जस्टिस अनूप कुमार ढंड, जस्टिस विनोद कुमार भरवानी, जस्टिस मदन गोपाल व्यास व छतीसगढ़ से स्थानांतरण होकर आए जस्टिस एमएम श्रीवास्तव को शपथ दिलाई। हालांकि अभी भी 23 पद खाली हैं। हाईकोर्ट में समारोह में सभी जस्टिस मौजूद रहे। नए जजों की नियुक्ति के बाद यह आशा जताई जा रही है कि अब लंबित वाद के निस्तारण में तेजी आएगी। शपथ ग्रहण के दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्यपीठ व जयपुर बेंच के सभी जस्टिस समारोह में मौजूद रहे।

जयपुर बेंच के सभी न्यायाधीश वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए इस समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर महाधिवक्ता व सभी बार संघ के अध्यक्ष भी मौजूद रहे। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान महाधिवक्ता एमएस सिंघवी सहित सभी अतिरिक्त महाधिवक्ता मौजूद रहे। इसके अलावा बार कौंसिल आफ राजस्थान के सभी पदाधिकारी व राजस्थान हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन व राजस्थान एसोसिएशन के अध्यक्ष समारोह में मौजूद रहे। राजस्थान में जोधपुर मुख्यपीठ व जयपुर पीठ में जून 2021 तक मुकदमों की संख्या करीब साढ़े पांच लाख तक पहुंच गई है। कालेजियम के अनुसार, सरकार राजस्थान हाईकोर्ट में पांच और जजों की सिफारिश कर रही है। 

गौरतलब है कि गत दिनों राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीतराज लोढ़ा ने कहा था कि अधिवक्ता न्यायपालिका का महत्वपूर्ण स्तंभ है। बगैर अधिवक्ता के न्यायपालिका की कल्पना नहीं की जा सकती। हर न्यायाधीश पहले अधिवक्ता है और न्यायाधीश बाद में होता है। न्यायाधीश के दायित्व से सेवानिवृत्त हो रहा हूं, लेकिन अधिवक्ता जीवन पर्यंत बना रहूंगा। जस्टिस लोढ़ा ने यह विचार उनकी के सेवानिवृत्ति के दिन हाईकोर्ट की हेरिटेज बिल्डिंग परिसर में आयोजित विदाई समारोह में प्रकट किए। लोढ़ा सम्मान पाकर भावुक हो गए और यहां बिताए पलों को याद किया। 

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