Rajasthan: निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस वसूलने की छूट पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Tuition Fees राजस्थान हाईकोर्ट से निजी स्कूल फीस वसूली के मामले में प्रदेश के लाखों अभिभावकों को राहत मिली है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहन्ती की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर नौ अक्टूबर तक रोक लगा दी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 05:19 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 05:19 PM (IST)
Rajasthan: निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस वसूलने की छूट पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस वसूलने की छूट पर रोक।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Tuition Fees: निजी स्कूल फीस वसूली के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट से प्रदेश के लाखों अभिभावकों को राहत मिली है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहन्ती की खंडपीठ ने गुरुवार को एकल पीठ के आदेश पर नौ अक्टूबर तक रोक लगा दी है। वहीं, कोर्ट मामले की अंतिम सुनवाई पांच अक्टूबर को करेगी। एकल पीठ के फैसले पर रोक लगने से स्कूल संचालक अब अभिभावकों से फीस वसूली नहीं कर सकेंगे। एकल पीठ ने पिछले दिनों ट्यूशन फीस वसूलने की अनुमति दी थी, जिसके खिलाफ अभिभावकों ने खंडपीठ में याचिका दायर कर राहत मांगी थी। सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने बताया कि वीरवार के आदेश से अब राज्य सरकार के सात अप्रैल और नौ जुलाई के फीस स्थगन के आदेश प्रभावी हो गए हैं।

इसके तहत अब कोई भी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूल नहीं कर सकती है। उन्होंने बताया कि बुधवार को जारी हुई अनलॉक-5 की गाइडलाइन के अनुसार, राज्य सरकार फीस को लेकर नई पॉलिसी बनाने जा रही है। सरकार किसी भी स्कूल के खिलाफ नहीं है, हमारी पॉलिसी में सभी पक्षों को ध्यान में रखा जाएगा। जस्टिस एसपी शर्मा की एकलपीठ में कैथोलिक एजुकेशन सोसायटी, प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसायटी और अन्य की याचिकाओं के जरिए करीब 200 स्कूलों ने राज्य सरकार के फीस स्थगन के नौ अप्रैल और सात जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी।

राज्य सरकार के इन आदेशों से निजी स्कूल फीस वसूल नहीं कर पा रहे थे। निजी स्कूलों की ओर से कहा गया था कि वे सीबीएससी के निर्देश से अप्रैल से ही स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लासेज दे रहे हैं। वहीं, लॉकडाउन में भी स्कूल टीचर्स को पूरा भुगतान कर रही है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि फीस चार्ज नहीं कर पाने से निजी स्कूलों को बड़ा नुकसान हो रहा है। ऐसे में राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाने से तो इनकार कर दिया था, लेकिन स्कूलों को यह छूट दे दी थी कि वे अपनी ट्यूशन फीस का 70 प्रतिशत अभिभावकों से चार्ज कर सकती है। 

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