राजस्थान सरकार का निर्णय: अब केवल ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से ही होगी सिंचाई

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के अनुसार राज्‍य में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई करना अनिवार्य होगा।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 10:17 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 10:17 AM (IST)
राजस्थान सरकार का निर्णय: अब केवल ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से ही होगी सिंचाई

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अब नई सिंचाई परियोजनाओं से जिन इलाकों में पानी दिया जाएगा वहां फ्लड इरिगेशन (खुली सिंचाई) पर रोक रहेगी। नई सिंचाई परियोजनाओं के तहत अब बनने वाले कमांड एरिया (नहरी सिंचाई क्षेत्र) में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई करना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए हैं। 

 गहलोत ने नए कमांड क्षेत्रों में केवल ड्रिप और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई करने की अनिवार्यता लागू करने के निर्देश दिए हैं । प्रदेश में नई नहरी सिंचाई परियोजनाओं के नये कमाण्ड क्षेत्रों में अब सांचौर मॉडल पर केवल ड्रिप और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई की अनिवार्यता लागू होगा। जालोर जिले में सांचौर के नर्मदा सिंचाई प्रोजेक्ट के कमांड क्षेत्र में केवल ड्रिप और स्प्रिंकलर से ही सिंचाई का प्रावधान है। सांचौर नहर में परंपरागत नहरी सिस्टम की तरह फ्लड इरिगेशन नहीं है। प्रदेश की यह पहली सिंचाई परियोजना है जिसमें फ्लड इरिगेशन बंद किया गया था। 

 अब सांचौर मॉडल को हर नई सिंचाई परियोजना में लागू किया जाएगा। नहरी पानी से परंपररागत फ्लड  इरिगेशन से सिंचाई करने से पानी की बर्बादी ज्यादा होती है। परंपरागत नहरी तंत्र में पानी नहर से  वितरिकाओं में से होता हुआ किसानों के खेत तक जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में पानी की बहुत बर्बादी होती है, जबकि नए सिस्टम में नहर की वितरिका से पाइप से पानी दिया जाएगा, जिसमें पानी की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने परवन परियोजना, ईसरदा बांध और धौलपुर लिफ्ट परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर इन परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश भी दिए।

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