राजस्‍थान सरकार का 'प्रशासन गांवों के संग अभियान', आमजन की समस्याओं का मौके पर समाधान

राजस्‍थान सरकार (Rajasthan Government) 2 अक्‍टूबर से राज्‍य में ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ एक ऐसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत कर रही है। इसमें आमजन की समस्याओं का मौके पर ही समस्‍याओं का समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री वीडियो कान्‍फ्रेंस के माध्यम से अभियान की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:38 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:46 PM (IST)
राजस्‍थान सरकार का 'प्रशासन गांवों के संग अभियान', आमजन की समस्याओं का मौके पर समाधान
प्रशासन गांवों के संग अभियान राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम

नई दिल्ली/जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्‍य में 2 अक्टूबर से प्रारंभ होने जा रहा ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ एक ऎसा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसके माध्यम से आमजन की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान लगने वाले शिविरों में पात्र एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने, भूमिहीनों को भू-आवंटन करने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि शिविरों में आने वाले वृद्धजनों, दिव्यांगों आदि की समस्याओं को अधिकारी पूरी संवेदनशीलता से सुनें और उन्हें तत्काल राहत पहुंचाएं। सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ कार्य करें ताकि आमजन को अधिक से अधिक राहत मिले और जिस मंशा के साथ राज्य सरकार यह अभियान शुरू करने जा रही है वह पूरी तरह सफल हो सके।  

मुख्यमंत्री गहलोत ने 20 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कान्‍फ्रेंस के जरिये अभियान के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा अभियान के दौरान आने वाली बिजली, पानी, सड़क, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सम्बन्धित शिकायतों का माैके पर ही हल किया जाए। उन्होंने कहा कि आजकल अधिकतर कार्य ऑनलाइन हो गए हैं। ऎसे में, शिविरों में आने वाले ग्रामीणों की सहायता एवं आवेदन पत्रों को भरने के लिए हैल्प डेस्क लगाई जाए। शिविर प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि आवेदन पत्र लाभार्थी से निःशुल्क भरवाये जाएं। हैल्प डेस्क में सूचना सहायक एवं आईटी से जुड़े अन्य कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि आमजन को फार्म भरने से लेकर अन्य प्रक्रियाओं के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पडे़।

रोडवेज एवं जल संसाधन विभाग को भी जोड़ा जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिविरों में आमजन को राज्य एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिजन शिविरों में मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने आएं तो उन्हें सम्बन्धित फार्म उपलब्ध कराया जाए एवं यदि वे मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के पात्र हैं तो उन्हें इस योजना का लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि पूर्व में चिन्हित 19 विभागों के साथ-साथ रोडवेज एवं जल संसाधन विभाग की सेवाओं को भी अभियान से जोड़ा जाए।

 श्री गहलोत ने कहा कि शिविरों में आने वाले दिव्यांगों, निशक्तजनों एवं बुजुर्गों को संवेदनशीलता के साथ सुना जाए। निशक्तजनों का पहले से चिन्हीकरण कर उनके प्रमाण-पत्र बनवाने के सम्बन्ध में तैयारी पूरी कर ली जाए। इसके लिए राजस्व तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें। साथ ही निशक्तजनों की जिन श्रेणियों में रोडवेज का पास जारी होता है उनके लिए शिविर में पास भी बनाए जाएं।

प्री-कैम्प में कर लें पूरी तैयारियां 

बैठक में राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने कहा कि अभियान के दौरान आमजन को अधिक से अधिक लाभ मिल सके, इसके लिए विभाग ने पूरी तैयारियां की हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि शिविरों में विभाग से सम्बन्धित जो कार्य होने हैं, उनकी पर्याप्त मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। राजस्व राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने सुझाव दिया कि शिविर के दौरान सड़क मरम्मत, ढीले तारों को कसने, हैण्डपम्प रिपेयरिंग जैसी शिकायतों का उसी दिन समाधान किया जा सके। इसके लिए बिजली, पानी, सड़क से जुड़ी टीमें पूरी तैयारी एवं पर्याप्त सामग्री की व्यवस्था रखें। बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि अभियान से पहले प्री-कैम्प में पूरी तैयारियां कर ली जाएं ताकि अभियान के दौरान आयोजित शिविरों में अधिक से अधिक समस्याओं का निस्तारण हो सके।

प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री आनंद कुमार ने 2 अक्टूबर से 17 दिसम्बर, 2021 तक चलने वाले ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बतया कि प्रदेश की 352 पंचायत समितियों में कुल 11,341 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर शिविर आयोजित होंगे। अभियान के दौरान 21 विभागों द्वारा आमजन से जुड़े विभिन्न कार्य सम्पादित किए जाएंगे। जिला स्तर से ग्राम पंचायतवार कार्यक्रम की तिथियों का निर्धारण कर लिया गया है। सभी विभागों द्वारा प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति एवं नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जा चुकी है। शिविरों के लिए जिला स्तर पर पैम्पलेट, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार की तैयारी कर ली गई है।

बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव पंचायतीराज श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, अध्यक्ष डिस्कॉम एवं प्रबंध निदेशक राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लि. श्री भास्कर ए सावंत, शासन सचिव आयोजना श्री नवीन जैन, शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्री समित शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अभियान में निम्न विभाग होंगे शामिल :

1. राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग

2. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग

3. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग

4. कृषि विभाग

5. जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग

6. ऊर्जा विभाग

7. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

8. सैनिक कल्याण विभाग

9. महिला एवं बाल विकास विभाग

10. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग

11. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग

12. आयोजना विभाग

13. पशुपालन विभाग

14. श्रम विभाग

15. आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति विभाग

16. शिक्षा विभाग

17. सार्वजनिक निर्माण विभाग

18. सहकारिता एवं राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि.

19. वन विभाग

20. रोडवेज

21. जल संसाधन

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