राजस्थान सरकार ने ट्रासजेंडर्स समुदाय को सुरक्षा व संरक्षण देने को सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करेगी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह निर्णय ट्रासजेंडर समुदाय के विरूद्ध अपराधों को नियंत्रित करने और उनके सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी पहल साबित होगा। इस प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपी जाएगी ।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:21 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:25 AM (IST)
राजस्थान सरकार ने ट्रासजेंडर्स समुदाय को सुरक्षा व संरक्षण देने को सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करेगी
राजस्थान सरकार ने ट्रासजेंडर्स समुदाय को सुरक्षा व संरक्षण देने को सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करेगी

जागरण संवाददाता, जयपुर।  राजस्थान सरकार ट्रासजेंडर्स समुदाय को सुरक्षा एवं संरक्षण देने लिहाज से ट्रासजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करेगी। यह प्रकोष्ठ ट्रासजेंडर्स के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम, निगरानी और इसमें इससे जुड़े मामलाें को समय पर पंजीकृत कर जांच व अभियोजन सुनिश्चित करने का काम करेगा। राज्य के 16 हजार 517 ट्रासजेंडर्स के लिए अलग से पहचान पत्र भी बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह निर्णय ट्रासजेंडर समुदाय के विरूद्ध अपराधों को नियंत्रित करने और उनके सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी पहल साबित होगा। इस प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपी जाएगी । इस प्रकोष्ठ में कुल 6 लोग शामिल होंगे। इनमें 5 सरकारी और एक ट्रासजेंडर प्रतिनिधि शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार पूर्व में ट्रासजेंडरों को सरकारी योजनाओं का लाभ तीसरे लिंग के नाम से देने का निर्णय कर चुकी है।

सरकार ने कुछ समय पूर्व तय किया था कि राज्य में महिला एवं पुरूष के अतिरिक्त एक और लिंग ट्रासजेंडर होगा । इनका अलग से प्रमाण-पत्र बनेगा। सरकार के निर्णय के बाद प्रमाण -पत्र बनने लगे हैं। सरकार ने ट्रासजेंडर्स की गणना के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। सरकार द्वारा ट्रासजेडर्स को को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने के लिहाज से कोचिंग संस्थान भी खोलने की योजना है। 

राजस्थान में नॉन टेक्निकल पदों की एक ही परीक्षा होगी

राजस्थान में नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए अब एक ही टेस्ट देना होगा। इसके आधार पर राज्य सरकार के सभी विभागों में भर्ती कर दी जाएगी। इस टेस्ट का नाम कॉमन एलेजिबिलिटी टेस्ट रखा गया। इसके आधार पर 20 तरह की भर्तियां हो सकेगी। यह टेस्ट स्नात्तक और 12वीं पास युवाओं के लिए भर्तियों के रास्ते खोलेगा। आदेश में कहा गया है कि अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवाओं के गैर तकनीकी पदों के लिए इस टेस्ट को क्लीयर करना अनिवार्य होगा।

इस पात्रता परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही नियुक्ति दी जाएगी। इस परीक्षा का आयोजन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड करेगा । बोर्ड द्वारा वन टाइम रजिस्ट्रेशन की ऐसी व्यवस्था की जाएगी,जिससे न केवल समान पात्रता परीक्षा बल्कि इस परीक्षा के आधार पर किसी भी पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार आवेदन नहीं करना पड़े। सामान्यत:प्रतिवर्ष भर्ती परीक्षा आयोजित होगी । ऑब्जेक्टिव प्रश्नपत्र के आधार पर होने वाली इस परीक्षा में एक ही चरण होगा ।

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