Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा, कृषि कानूनों पर पुनर्विचार का आग्रह

Ashok Gehlot राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इन तीनों कानूनों को किसानों और विशेषज्ञों से चर्चा किए बिना ही लाया गया। संसद में विपक्षी पार्टियों द्वारा इन विधेयकों को संसद की सलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की गई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 09:20 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 09:41 PM (IST)
Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा, कृषि कानूनों पर पुनर्विचार का आग्रह
अशोक गहलोत ने नरेंद्र मोदी से कृषि कानूनों पर पुनर्विचार का आग्रह किया। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों की बात सुनकर कृषि कानूनों पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इन तीनों कानूनों को किसानों और विशेषज्ञों से चर्चा किए बिना ही लाया गया। संसद में विपक्षी पार्टियों द्वारा इन विधेयकों को संसद की सलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की गई। सरकार ने इस मांग को भी नजरअंदाज कर दिया गया। इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्यों की चर्चा नहीं है। जिसके कारण किसानों में अविश्वास पैदा हुआ है। गहलोत ने राजस्थान सरकार द्वारा तीनों नए कृषि कानूनों और सिविल प्रक्रिया संहिता में किए संशोधनों के बारे में लिखा है।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने इन संशोधनों में किसानों के हित को सर्वोपरि रखा है। गहलोत ने अपने पत्र में किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है। गहलोत ने लिखा कि 26 नवंबर को देश का संविधान दिवस मनाया जा रहा था, तभी देशके अन्नदाता पर लाठियां और वाटर कैनन चलाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र व किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी को तीनों कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करना चाहिए। नए कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान को राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत विशेष दर्जा देने की मांग की थी। सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी से केंद्रीय आयुष मंत्रालय को ड्रग एंड कॉसमेटिक एक्ट-1940 में संशोधन कर आयुर्वेद स्टोर संचालन में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता लागू करने, योग व प्राकृतिक चिकित्सा परिषद को वैधानिक दर्जा देने के लिए केंद्रीय योग व प्राकृतिक चिकित्सा परिषद का गठन करने की मांग की थी। उन्होंने केंद्रीय आयुष नर्सिंग परिषद की स्थापना करने को लेकर भी सुझाव दिया था।

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