CAB: गहलोत व पायलट बोले, मोदी और शाह देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलकर क्यों नहीं बोलते

Rajasthan CM Ashok Gehlot. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 01:20 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 02:19 PM (IST)
CAB: गहलोत व पायलट बोले, मोदी और शाह देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलकर क्यों नहीं बोलते
CAB: गहलोत व पायलट बोले, मोदी और शाह देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलकर क्यों नहीं बोलते

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan CM Ashok Gehlot. नागरिकता (संशोधन) विधेयक सहित कई मुद्दों को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि मोदी और शाह देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलकर क्यों नहीं बोलते। गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नागरिकता सुधार बिल के विरोध में पूर्वोत्तर राज्यों में आग लगी हुई है। आज देश में माहौल आक्रोश का बन चुका है। उन्होंने हिंदू सिख शरणार्थियों को नागरिकता देने की चिट्ठी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए बयान पर निशाना साधा। गहलोत ने अमित शाह पर संसद के मंच का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया।

राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का दोबारा अध्यक्ष बनाने की मांग के सवाल पर गहलोत ने कहा कि मोदी और शाह का हिम्मत से कोई मुकाबला कर सकता है तो वह राहुल गांधी ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह बात पहले कहता आया हूं कि चुनाव हारना एक अलग बात है, लेकिन राहुल गांधी ने उनके छक्के छुड़ा दिए थे। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था काफी खराब हो चुकी है। बेरोजगारी बढ़ रही है। किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। प्याज के भाव 150 रुपये किलो पहुंच गए।

उधर, सचिन पायलट ने पत्रकारों से एक बातचीत में कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का फैसला कांग्रेस कार्यसमिति में होना है। राहुल गांधी ने आक्रामक ढंग से चुनाव अभियान चलाया, हालांकि चुनाव में हार-जीत एक अलग विषय है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के पार्टी संभालने के बाद संगठन को मजबूती मिली है। नागरिकता संशोधन विधेयक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह संसद में जरूर पास हो गया, लेकिन इसका विरोध हो रहा है। धर्म के आधार पर नागरिकता देने या नहीं देने का फैसला गलत है। उन्होंने कहा कि महंगाई और आर्थिक मंदी से ध्यान हटाने की कोशिश के तहत यह विधेयक लाया गया है।

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