Rajasthan: ताज अरावली रिसॉर्ट मामले में मुख्य सचिव, उदयपुर कलेक्टर व रिसॉर्ट मालिक तलब
Rajasthan अमरजोक नदी किनारे बनाए गए ताज अरावली रिसॉर्ट के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव उदयपुर जिला कलेक्टर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल जल संसाधन विभाग और रिसोर्ट मालिक को नोटिस जारी करते हुए तलब किया है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। शहर के नजदीक बूझड़ा गांव में अमरजोक नदी किनारे बनाए गए ताज अरावली रिसॉर्ट के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, उदयपुर जिला कलेक्टर, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जल संसाधन विभाग और रिसोर्ट मालिक को नोटिस जारी करते हुए तलब किया है। उन्हें 21 दिन में अपना जबाव देना है। ख्यालीलाल सुहालका, बूझ़ड़ा निवासी पुष्करलाल नागदा ने राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में याचिका दायर की थी। जिसमें बताया गया कि ईशान क्लब एंड होटल प्राइवेट लिमिटेड ने सरकारी नियमों के विपरीत अमरजोक नदी पेटे पर अतिक्रमण कर रास्ता बना लिया। जिस भूमि का रूपांतरण संभव नहीं था, उसे कंपनी ने अपने प्रभाव से नगर विकास प्रन्यास से न केवल भूमि रूपांतरण कराया, बल्कि अमरजोक नदी तथा देवास टनल के मुहाने पर अवैध निर्माण करा लिया।
सिंचाई विभाग ने रिसॉर्ट के लिए कंपनी को गैर कानूनी तरीके से भूमि लीज पर दे दी। इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव, जिला कलेक्टर, नगर विकास प्रन्यास के सचिव, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जल संसाधन विभाग के अलावा रिसॉर्ट निर्माता ग्रुप ईशान क्लब एंड होटल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की। मामले में गुरुवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ के न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग तथा संदीप मेहता ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर 21 दिन में जबाव पेश करते हुए तलब किया है। पहले जिसे नदी पेटा बताकर अर्जी खारिज कर दी, उस अधिकारी के तबादले के बाद दूसरे अधिकारी ने मंजूरी दे दी। रिसॉर्ट के लिए रिसोर्ट ने जिस जमीन के लिए अर्जी की थी, उसे नगर विकास प्रन्यास के तत्कालीन सचिव रामनिवास मेहता ने नदी पेटे की बताकर खारिज कर दिया था। उनके तबादले के बाद नए सचिव ने आते ही नदी पेटे की जमीन का भूमि रूपांतरण कराकर उसे रिसॉर्ट के लिए आवंटित कर दिया।