Rajasthan by election: विधानसभा उप चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बगावत शुरू

राजस्थान की वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा के होने जा रहे उप चुनाव के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बगावत के बिगुल भी तेज हो गए हैं। अंदरखाने चर्चा है कि पार्टी ने वसुंधरा राजे खेमा को कमजोर करने की कोशिश की है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 07:40 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 07:59 PM (IST)
Rajasthan by election: विधानसभा उप चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बगावत शुरू
भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बगावत शुरू

उदयपुर, सुभाष शर्मा। राजस्थान की वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा के होने जा रहे उप चुनाव के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बगावत के बिगुल भी तेज हो गए हैं। कांग्रेस ने सामान्य वर्ग की वल्लभनगर विधानसभा के लिए दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह पत्नी प्रीति शक्तावत को जब्कि धरियावद से नगराज मीणा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने वल्लभनगर से हिम्मतसिंह झाला तथा धरियावद से खेतसिंह मीणा को टिकट दिया है।

टिकट तय होने के साथ ही दोनों पार्टियों में बगावत भी शुरू हो गई है। वल्लभनगर से कांग्रेस के टिकट की मांग कर रहे दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के बड़े भाई देवेंद्र शक्तावत ने मेवाड़ कांग्रेस नाम से नई पार्टी का गठन का संकेत देते हुए बगावत तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने शुक्रवार को नामांकन भरने की घोषणा की है। जबकि भाजपा से प्रबल उम्मीदवार बताए जा रहे उदयलाल डांगी ने गुरुवार को भाजपा और निर्दलीय के रूप में नामांकन भरकर बगावती कदम उठा लिए हैं।

उन्होंने कहा कि जिस विधानसभा में भाजपा की जमानत जब्त होती थी, वहां उन्होंने पार्टी को मुकाबले पर लाया और वह हार के बावजूद पिछले ढाई साल से क्षेत्र में सक्रिय थे। इसके बावजूद पार्टी ने उनका टिकट काटकर नए चेहरे को टिकट दिया, जो कभी भी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहा। उन्होंने कहा कि भले ही पार्टी उन्हें निलंबित कर दे या बाहर कर दें, वह चुनाव अवश्य लडेंगे। उल्लेखनीय है कि वल्लभनगर में डांगी—पटेल समाज के वोटर निर्णायक हैं। ऐसे में उनकी चुनौती से भाजपा भी सकते में हैं और अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर निगाह है कि वह उनके समर्थक उदयलाल डांगी को मना पाते हैं या नहीं।

उधर, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित धरियावद विधानसभा के लिए भाजपा ने दिवंगत विधायक गौतमलाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल मीणा को टिकट देने की बजाय खेत सिंह मीणा को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद गुरुवार को कन्हैयालाल मीणा ने भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में निर्दलीय के रूप में नामांकन भरने की घोषणा की है। दो हजार से ज्यादा समर्थकों ने लसाड़िया में कन्हैयालाल मीणा के घर आकर जबरदस्त नारेबाजी की।

समर्थकों का कहना है कि अगर परिवारवाद के चलते कन्हैया को टिकट नहीं दिया है तो राजसमंद में पूर्व विधायक किरण माहेश्चरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट क्यों दिया गया। वहीं कांग्रेस की ओर से धरियावद से नगराम मीणा को टिकट दिए जाने से कांग्रेसी नेता नाथूलाल मीणा ने भी बगावती तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने घोषणा की है कि वह निर्दलीय के रूप में शुक्रवार को नामांकन भरने जा रहे हैं।

राजे समर्थकों को नहीं मिला टिकट

राजस्थान में होने वाले उप चुनाव में भाजपा में अंदरखाने चर्चा है कि पार्टी ने वसुंधरा राजे खेमा को कमजोर करने की कोशिश की है। भाजपा की कोर कमेटी में पिछले वसुंधरा राजे शामिल थी और संभावना जताई जा रही थी कि वल्लभनगर में वसुंधरा राजे के करीबी जनता सेना के रणधीर सिंह भीण्डर की पार्टी में वापसी संभव हो पाएगी। चर्चा में यह भी था कि भाजपा उनकी पत्नी दीपेंद्र कुंवर को टिकट दे सकती है।

दीपेंद्र भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। हालांकि दोनों ही संभावनाओं को भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के साथ विराम मिल गया। जबकि दीपेंद्र कुंवर ने गुरुवार को अपने पति के साथ उम्मीदवारी के लिए नामांकन भी भर दिया। इसी तरह वसुंधरा के कट्टर समर्थक रहे धरियावद के दिवंगत विधायक गौतमलाल मीणा के बेटे कन्हैयालाल मीणा का भी टिकट परिवारवाद के नाम पर काट दिया गया है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि पार्टी बड़ी होती है, वहां बगावत होती है लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता अंत में पार्टी के साथ ही चलते हैं।

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