Rajasthan Assembly: हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

Rajasthan राजस्थान विधानसभा में बुधवाक को संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी के बीच जमकर तकरार हो गई। इस दौरान तकरार इतनी बढ़ी कि अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 07:44 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 09:31 PM (IST)
Rajasthan Assembly: हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
हंगामे के बीच राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही तीन बार हुई स्थगित। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को पहले तो सत्तापक्ष कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच तकरार हुई। तकरार हंगामें में बदली। इन दोनों का हंगामा शांत हुआ था कि संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी के बीच तकरार हो गई। तकरार इतनी बढ़ी कि अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। दरअसल, रोडवेज से जुड़े एक विधेयक पर चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच हुए वाद-विवाद के बाद सदन में शांति हुई तो अध्यक्ष ने कहा कि पहले जो कुछ हुआ उसे भूलिए और आगे बढ़िए। विधेयक पारित होने के दौरान जिस तरह की बहस हुई ,वह सही नहीं थी। बहस लंबी कर दी गई। आगे इस गलती को नहीं दोहराया जाए।

उन्होंने सदन की कार्यवाही आगे चलाने की बात कही तो धारीवाल अपनी सीट से खड़े होकर बोलने लगे। जोशी ने उन्हे कई बार टोका और कहा कि अब पुराने मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी, लेकिन धारीवाल बोलते रहे। नाराज जोशी ने कहा कि मैं ऐसा नहीं चलने दूंगा, आप चाहें तो दूसरा अध्यक्ष चुन लीजिए। इस पर भी धारीवाल बोलने से नहीं रुके तो जोशी ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। अध्यक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही अचानक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक आश्यर्चचकित रह गए। सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद अध्यक्ष अपने कक्ष में चले गए, जिन्हें मनाने के लिए पक्ष-विपक्ष के विधायक पहुंचे, लेकिन वह नहीं अपने निर्णय पर अड़िग रहे।

सत्तापक्षा और विपक्षी दल के विधायक हुए आमने-सामने

इससे पहले राजस्थान विधानसभा में बुधवार को सत्तापक्ष कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के मंत्री व विधायक आमने-सामने हो गए। हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। पहले शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक मदन दिलावर ने कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बृज क्षेत्र कभी कृष्ण की लीलाओं का केंद्र रहा था, लेकिन अब नरक बन गया है। मेवात क्षेत्र आतंकियों का अड्डा बन गया है। दलितों की जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकियों को पकड़ा है। मेवात क्षेत्र में हिंदुओं की लड़कियों के साथ समुदाय विशेष के लोग सामूहिक दुष्कर्म कर रहे हैं। जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं सामने आई हैं।

लव जिहाद पर जताई आपत्ति

लव जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं। इस पर शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने आपत्ति करते हुए कहा क‍ि हिंदू-मुस्लिम की बातें करने विधानसभा में आए हैं क्या, इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। इस पर दिलावर ने डोटासरा के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। दिलावर द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर हंगामा हो गया। हंगामे के बीच सभापति राजेंद्र पारीक ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद रोडवेज से जुड़े एक विधेयक पर प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच जमकर बहस हुई। भाजपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया।

नारेबाजी की गई। इस कारण सभापति ने पहले 15 मिनट और फिर 45 मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी। हंगामे की शुरुआत रोडवेज बिना टिकट यात्रा निवारण संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान हुई। मंत्री खाचरियावास ने जब बहस का जवाब देना शुरू किया तो दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। खाचरियावास ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार रोडवेज को बंद करने की तैयारी में थी। भाजपा सरकार के दौरान नई बसों की खरीद नहीं हुई। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही 900 बसें खरीदी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी होती रही। हंगामें के बीच रोडवेज बसों में बिना टिकट यात्रा करने पर 10 गुना जुर्माना बढ़ाने वाला विधेयक पारित किया गया।

संघ प्रचारक के मुद्दे पर हंगामा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम को लेकर विधानसभा में डोटासरा ने टिप्पणी की तो दिलावर सहित भाजपा के अन्य विधायकों ने आपत्ति जताई। शून्यकाल में भाजपा विधायक अभिनेष महर्षि ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए कहा कि निंबाराम ने घर छोड़ दिया। कांग्रेस सरकार उन्हें परेशान कर रही है। गलत मामले में उन्हें परेशान किया जा रहा है। इस पर डोटासरा ने कहा कि उनके खिलाफ पुलिस में एफआइआर दर्ज है। इस पर दोनों पक्षों के बीच तकरार हुई। सभापति ने निंबाराम और डोटासरा के बारे में की गई टिप्पणी को सदन की कार्रवाई से निकलवा दिया। 

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