Rajasthan Assembly Election 2023: टिकाऊ उम्मीदवारों को टिकट देगी बसपाः भगवान सिंह बाबा
Rajasthan Assembly Election 2023 बसपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा का कहना है कि पार्टी टिकाऊ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेगी। जनाधार वाले ऐसे नेताओं का चयन किया जा रहा है जो पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीतने के बाद अन्य दलों में शामिल नहीं हो सके।
जयपुर, जागरण संवाददाता। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने साल, 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। इसके लिए जिला सम्मेलन और विधानसभा क्षेत्रवार कमेटियां गठित करने करने का काम शुरू किया गया है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा का कहना है कि पार्टी टिकाऊ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेगी। जनाधार वाले ऐसे नेताओं का चयन किया जा रहा है, जो पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीतने के बाद अन्य दलों में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बढ़ रहे दलितों पर अत्याचारों को चुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा। दलितों की हत्या, मारपीट और दुष्कर्म की घटनाओं को राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुदा बनाया जाएगा।
बसपा ने बनाई ये रणनीति
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी इतनी सीटें हासिल करे कि हमारे सहयोग के बिना सरकार नहीं बन सके। साल, 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस में शामिल होने वाले सभी छह विधायकों की सदस्यता समाप्त होने की उम्मीद जताते हुए भगवान सिंह ने कहा कि इन्होंने पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीता था, लेकिन बाद में दल बदल लिया। उनके खिलाफ बसपा ने दल बदल कानून के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सभी छह विधायकों से अपना जवाब पेश करने के लिए 21 सितंबर को चार सप्ताह का समय दिया था, लेकिन अवकाश के कारण अब याचिका पर फैसला दिवाली बाद होने की उम्मीद है। भगवान सिंह ने कहा कि यदि पार्टी छोड़ने वाले विधायकों की सदस्यता समाप्त होती है, तो कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ने के साथ ही भविष्य के लिए लोगों को सबक भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि दलितों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार व महिलाओं से दुष्कर्म के मुदे पर राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन देकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। राज्यपाल से कहा गया है कि वह राज्य सरकार को कमजोर वर्गाें की रक्षा के कठोर कदम उठाए। इन मामलों के जिम्मेदारों का फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर सजा दिलाई जाए। सरकार से पीड़ितों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग भी की गई है।