Jodhpur: ट्रेन संचालन से जुड़े स्टाफ के परिजनों को परामर्श दे रहा रेलवे, ताकि बनी रहे एकाग्रता
Rajasthan राजस्थान में जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पाण्डेय के निर्देशानुसार व एक अनूठी पहल पर जोधपुर रेल मंडल के ट्रेन संचालन करने वाले लोको पायलट तथा सहायक लोको पायलट के परिवारजनों को परामर्श दिया जा रहा है।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में जोधपुर रेल मंडल में रेल कर्मचारियों के परिवारजन को परामर्श देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पाण्डेय के निर्देशानुसार व एक अनूठी पहल पर जोधपुर रेल मंडल के ट्रेन संचालन करने वाले लोको पायलट तथा सहायक लोको पायलट के परिवारजनों को परामर्श दिया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि ट्रेन संचालन का कार्य करने वाले लोको पायलट तथा सहायक लोको पायलट का ट्रेन चलते समय एकाग्रता बनाए रखने के साथ-साथ चिंतामुक्त होना बहुत जरूरी है। ट्रेन ड्राइवर के चिंताग्रस्त होने से एकाग्रता भंग होने पर ट्रेन दुर्घटना होने की संभावना रहती है। इस मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पाण्डेय के निर्देशन व एक अनूठी पहल पर ट्रेन चालक दल के परिवारजनों को परामर्श देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोको पायलट व सहायक लोको पायलट के घर में खुशनुमा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है ।
इस कार्यक्रम में रेलवे अधिकारी तथा सुपरवाइजर जोधपुर रेल मंडल के ट्रेन संचालन करने वाले लोको पायलट तथा सहायक लोको पायलट के घर व कॉलोनी में जाकर उनके परिवारजनों को समझा रहे है। कर्मचारियों को घर पर संपूर्ण आराम उपलब्ध कराने, नशा इत्यादि से दूर रखने तथा घर में खुशनुमा माहौल बनाया रखने की जरूरत समझा रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि रेलवे द्वारा ट्रेन ड्राइवर के ट्रेन संचालन में भूल करने या गलती करने पर सख्त कदम उठाए जाते हैं तथा इससे उनके परिवार को तथा उनको मानसिक व आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कार्यक्रम में सेवा संबंधी नियमों के तहत कार्रवाई होने पर उत्पन्न होने वाली परिवारिक स्थितियों को समझाया जा रहा है।
कर्मचारियों के परिवारजन को समझाया जा रहा है कि लोको पायलट या सहायक लोको पायलट के घर से ड्यूटी पर जाते समय किसी भी ऐसी बात का जिक्र नहीं करें, जिससे वो चिंताग्रस्त हो जाएं। जब कर्मचारी डूयूटी पर हो, तब उनको छोटी-छोटी बातों के लिए बार बार फोन नहीं करना चाहिए। कोई अति आवश्यक काम होने के स्थिति में लोको पायलट के सुपरवाइजर को संदेश नोट कराया जाए। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोको पायलट व सहायक लोको पायलट के घर में खुशनुमा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पूर्ण विश्राम मिलने तथा चिंतामुक्त होने पर चालक दल द्वारा सजग व सतर्क रहते हुए कार्य कर सकेगा तथा रेल दुर्घटना की संभावना कम रहेगी। जोधपुर मंडल पर अभी तक 60 से अधिक लोको पायलट वसहायक लोको पायलट के परिवारों से संवाद कायम किया जा चुका है।