Rajasthan: रेल हादसा टला, तीन हिस्से में बंट गईं मालगाड़ी की बोगियां

Rajasthan मालगाड़ी की कुछ बोगियां अचानक रेलवे ट्रैक से नीचे उतरी गईंं और फिर अपने आप ही चढ़ गईं। इस दौरान मालगाड़ी की बोगियां तीन हिस्से में बंट गईं। इंजन के साथ 40 बोगियां एक किलोमीटर तक चली गईं और पांच बीच में व एक दर्जन पीछे रह गईं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:59 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 10:26 PM (IST)
Rajasthan: रेल हादसा टला, तीन हिस्से में बंट गईं मालगाड़ी की बोगियां
रेल हादसा टला, तीन हिस्से में बंट गईं मालगाड़ी की बोगियां। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के संगरिया में बुधवार को बड़ा रेल हादसा टल गया। संगरिया से बठिंडा जा रही मालगाड़ी की कुछ बोगियां अचानक रेलवे ट्रैक से नीचे उतरी गईंं और फिर अपने आप ही चढ़ गईं। इस दौरान मालगाड़ी की बोगियां तीन हिस्से में बंट गईं। इंजन के साथ 40 बोगियां एक किलोमीटर तक चली गईं और पांच बीच में व एक दर्जन पीछे रह गईं। नियमों के अनुसार, मालगाड़ी में गार्ड होना चाहिए, लेकिन इसमें नहीं था। गार्ड नहीं होने के कारण चालक को सूचना नहीं मिली और वह 40 बोगियों को लेकर करीब एक किलोमीटर आगे चला गया। जहां बोगियां ट्रैक से उतरी थीं, वहां का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इस कारण कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। काफी मशक्कत के बाद कर्मचारियों ने मरम्मत की और फिर रेल मार्ग व्यवस्थित हुआ।

जांच में सामने आया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे मालगाड़ी के संगरिया रेलवे स्टेशन से निकलते ही वहां मौजूद कर्मचारियों को कुछ टूटने की आवाज आई थी। उन्होंने मालगाड़ी को रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन गार्ड नहीं होने के कारण चालक तक सूचना नहीं मिली। स्टेशन मास्टर ने इस की सूचना अगले स्टेशन पर दी। मालगाड़ी अगले स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही तीन हिस्सों में बंट गई। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे। बोगियां कैसे ट्रैक से उतरी और फिर वापस चढ़ गईं, इसकी जानकारी जुटाने में रेलवे के तकनीकी कार्मिक जुटे हुए हैं। एक बार ट्रैक से उतरने और फिर वापस अपने आप चढ़ने के दौरान कोई बोगी पलटी नहीं। इस घटना के समय बीच में आने वाला रेलवे फाटक बंद था, इस कारण बड़ी संख्या में वाहन चालक रुके हुए थे। दो घंटे बाद करीब साढ़े 12 बजे 40 बोगियों को इंजन के साथ बठिंडा के लिए रवाना किया गया। शेष डिब्बों को दूसरे इंजन से स्टेशन तक पहुंचाया गया।

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