Rajasthan Politics : कांग्रेस के कद्दावर नेता गुड़ामालानी विधायक हेमाराम ने विस सदस्यता से दिया इस्तीफा
बाड़मेर में सियासी हलचलें हुई तेज अभी तक इस्तीफा देने की कारणों का खुलासा नहीं हुआ है लेकिन हेमाराम के अनुसार इस्तीफा स्वीकार होने के बाद वह इसका खुलासा करेंगे। फोटो विधायक हेमाराम व उनके इस्तीफा की प्रति।
रंजन दवे, जोधपुर। जोधपुर संभाग के कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार बाड़मेर के कद्दावर जाट नेता और नेता प्रतिपक्ष रह चुके कांग्रेस के गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। हेमाराम ने राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी को अपना इस्तीफा भेजा है। हालांकि अभी तक इस्तीफा देने की कारणों का खुलासा नहीं हुआ है लेकिन हेमाराम के अनुसार इस्तीफा स्वीकार होने के बाद वह इसका खुलासा करेंगे और इस्तीफा देने की वजह भी बताएंगे।
जाट समाज के प्रतिनिधि के रूप में भी बाड़मेर क्षेत्र में स्थापित नेता
हेमाराम चौधरी कांग्रेस के दिग्गज नेता होने के साथ-साथ जाट समाज के प्रतिनिधि के रूप में भी बाड़मेर क्षेत्र में स्थापित नेता है। इसके अलावा राजस्थान कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट धड़े के करीबी माने जाते हैं। गत वर्ष कोंग्रेस के राजनीतिक ड्रामे और बाड़ाबंदी में भी पायलट के साथ मानेसर में रहे थे।इससे पहले विगत वर्ष फरवरी में भी उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही थी लेकिन हाईकमान से हुई बातचीत के बाद वह मामला ज्यादा नहीं बढ़ पाया और इस्तीफा स्वीकृत नहीं हुआ। इसके बाद अब एक बार फिर उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज कर सियासी हलचल को बढ़ा दिया है।
पहले भी बयां की थी पीड़ा, अपना इस्तीफा सौंप कर सभी को चौंकाया
फरवरी 2019 में भी गुड़ामालानी विधायक हेमाराम ने अपना इस्तीफा सौंप कर सभी को चौंका दिया था। मीडिया से बातचीत में अपने दर्द को साझा करते हुए हेमाराम ने कार्यकर्ताओं की पीड़ा को जाहिर किया था। उन्होंने कांग्रेस काल में क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और उनके किसी तरह के काम नहीं होने की शिकायत की थी । उनकी किसी सिफारिश को सरकार में प्राथमिकता के तौर पर नहीं रखे जाने से खिन्न हेमाराम ने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरने के साथ खुद के काम भी नहीं होने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया था।
राजस्थान की कांग्रेस के भीतर चल रही खटपट सामने आने की उम्मीद
विगत बार उन्ह्होंने ये कहते हुए इस्तीफा दिया था कि यदि विधायक रहते हुए भी यदि कार्यकर्ताओं का काम ही नहीं करा पाऊंगा तो फिर मेरे विधायक पद पर बने रहने का कोई औचित्य भी नहीं है। इस बार भी सरकार में उनके प्रति ही नही बल्कि पायलट गुट के प्रति उदासीनता को ही वजह माना जा रहा है। फिलहाल हेमाराम चौधरी की ओर से इस्तीफा की वजह का खुलासा नही किया गया है, लेकिन उनके इस्तीफा भेजने की बाद से ही लगातार सरहदी क्षेत्र ही नहीं राजस्थान की कांग्रेस के भीतर चल रही खटपट सामने आने की उम्मीद है।