Rajasthan: आसाराम को देखने पहुंचे समर्थकों को पुलिस ने खदेड़ा
Rajasthan जोधपुर जेल के बाहर सुबह से उसके समर्थन गुरु पूजन के लिए बड़ी संख्या में मौजूद थे। जब आसाराम को वाहन से बाहर लाया गया तो समर्थक उनकी एक झलक पाने के लिए गाड़ी के पीछे दौड़ने लगे। इस पर पुलिस को उन्हें लाठियां बरसाकर खदेड़ना पड़ा।
जोधपुर, संवाद सूत्र। गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु से दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में आसाराम के समर्थक जोधपुर सेंट्रल जेल एम्स परिसर के बाहर जमा हुए। इनको खदेड़ने के लिए पुलिस को हल्का बल भी प्रयोग करना पड़ा। लेकिन आसाराम के अनुयाई गुरु पूर्णिमा पर हर वर्ष की भांति अपने गुरु के दर्शनों के लिए तरह तरह के दर्शन करते हुए देखे गए। वहीं, आसाराम भी उनको एक झलक दिखाने के लिए पिछले दो दिनों से तबीयत नासाज होने की बात कह रहा था। उसे अस्पताल चलने को कहा गया तो वह इनकार करता रहा। शनिवार सुबह फिर चक्कर आने और स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की बात कहने पर आसाराम को जांच के लिए जेल से एम्स ले जाया गया। बताया गया है कि एम्स में उनकी एमआरआइ सहित कुछ अन्य जांच की गई। ऐसे में सुबह एम्स जाने के लिए जैसे ही उसका वाहन निकला, बड़ी संख्या में उसके समर्थक उसके दर्शनों के लिए दौड़ पड़े। जिनको पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा।
जोधपुर जेल के बाहर सुबह से उसके समर्थन गुरु पूजन के लिए बड़ी संख्या में मौजूद थे। जब आसाराम को वाहन से बाहर लाया गया तो समर्थक उनकी एक झलक पाने के लिए गाड़ी के पीछे दौड़ने लगे। इस पर पुलिस को उन्हें लाठियां बरसाकर खदेड़ना पड़ा। आसाराम के जेल आने के बाद से हर गुरु पूर्णिमा को उसके समर्थक जेल के बाहर आकर गुरुपूजन कर उनसे मिलने की मांग करते हैं, लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है। इस बार आसाराम को एम्स लाने की सूचना होने की वजह से पहले ही बडी संख्या में उसके समर्थक वहां भीतर और बाहर बड़ी संख्या में पहुंचे। जेल के वाहन को देखते ही समर्थक उसकी ओर दौड़ पड़े।
गुरु पूर्णिमा की वजह से जेल व एम्स के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। आसाराम के जेल से बाहर आते ही पहले से मौजूद समर्थक अनियंत्रित होकर उसकी झलक देखने के लिए गाड़ी की नजदीक पहुंचने की कोशिश करते रहे। वहीं, पुलिस उन्हें खदेड़ते रही। यही नजारा एम्स अस्पताल के बाहर भी नजर आया। पुलिस उन्हें दूर तक खदडेती, लेकिन समर्थक थोड़ी देर में वापस आकर खड़े हो जाते। जब आसाराम को एम्स के भीतर ले जाया जा रहा था तो भी समर्थक उसके नजदीक पहुंचने की कोशिश करने लगे। इस पर पुलिस को उन पर लाठिया बरसाकर वहां से भगाना पड़ा। यही स्थिति उसे एम्स से वापस जेल ले जाते वक्त भी हुई। अपने ही गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के मामले में आसाराम को वर्ष 2013 में जोधपुर पुलिस इंदौर से गिरफ्तार कर लाई थी। तब से वह जोधपुर जेल में ही बंद है। वर्ष 2018 में उसे मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वर्ष 2013 से अब तक आसाराम 15 बार जमानत हासिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दायर कर चुका है, लेकिन किसी कोर्ट ने उसे एक बार भी जमानत नहीं दी है।