सुहानी सर्दी आंदोलन: वर्ल्ड रिकार्ड दर्ज करा चुके उदयपुर के रतलिया, हर साल हजारों बच्चों को सर्दी से कराते हैं मुक्त
उदयपुर के युवा रतलिया हर साल हजारों बच्चों को सर्दी की चिंता से कराते हैं मुक्तसुहानी सर्दी आंदोलन के जरिए 2015 में की थी शुरूआत वर्ल्ड रिकार्ड दर्ज करा चुके हैं अपने नामइस साल सुहानी सर्दी आंदोलन के पहले चरण के तहत बीस हजार बेटियों को स्वेटर बांटे जाने हैं।
उदयपुर, सुभाष शर्मा। 'सुहानी सर्दी' आंदोलन के जरिए उदयपुर के एक युवा अपनी टीम के साथ हर साल हजारों बच्चों को सर्दी की चिंता से मुक्त कराने के अभियान में जुटा हुआ है। साल 2015 में शुरू अपने आंदोलन के दौरान छह साल में लाखों बेसहारा और स्कूली बच्चों को नए स्वेटर बांट चुका है। उनका यह प्रयास 'गिनिज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड' में दर्ज है। इस साल सुहानी सर्दी आंदोलन के पहले चरण के तहत बीस हजार बेटियों को स्वेटर बांटे जाने हैं।
इसका श्रेय 'सुहानी सर्दी' आंदोलन के प्रणेता प्रवीण रतलिया और उनकी टीम को जाता है। इस बार सुहानी सर्दी आंदोलन ने प्रधानमंत्री की योजना 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के साथ मिलकर सरकारी स्कूली की बीस हजार बेटियों को स्वेटर वितरित किए जाने का निर्णय लिया है।
रतलिया ने बताया कि सुहानी सर्दी आन्दोलन 11 अक्टूबर 2015 से शुरू किया गया था। शुरूआती सालों में 10 हज़ार ग्रामीण बच्चों को नए स्वेटर वितरित किए गए। उनके आंदोलन को समर्थन मिला और अन्य कई युवा उनसे जुड़ते चले गए। इसके बाद वर्ष 2016 में भी 10 हजार नए स्वेटर बांटे गए। वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच गया। बीस हजार नए स्वेटर बांटने के साथ उदयपुर शहरवासियों से बड़ी संख्या में प्राप्त हुए पुराने स्वेटर भी जरूरतमंद बच्चों को वितरित किए गए। रतलिया बताते हैं कि सुहानी सर्दी आंदोलन की शुरूआत उदयपुर जिले से की गई थी। अब संभाग को पार करता हुआ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात तथा मध्यप्रदेश में भी प्रवेश कर चुका है। इस साल बेटियों के लिए बीस हजार नए स्वेटर बांटने के लिए खरीदे गए। इनको बांटने के लिए 43 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भी सहभागिता निभाई है, जो उन्हें स्कूली बच्चों तक पहुंचाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं रतलिया
युवा रतलिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं। उन्होंने प्रदेश में नमो विचार मंच का गठन किया और वह इस संगठन के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं। रतलिया बताते हैं कि उनका लक्ष्य रहा है कि ग्रामीण और स्कूली बच्चे सर्दी से बचाव कर पाएं ताकि उनकी उनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो। ठंड के चलते देश में बच्चों की मौत की खबर पढ़ते तो उनका मन विचलित हो जाता था और उनके मन में विचार आया कि वह ऐसा कोई काम करें ताकि बच्चे ठंड में सुरक्षित रहें। अपने साथ युवा टीम तैयार की और उनको भी उनका यह विचार पसंद आया और आंदोलन चल निकला। विचार मंच के प्रदेषाध्यक्ष प्रवीण रतलिया का कहना हैं कि कुछ युवाओं द्वारा 2015 में सुहानी सर्दी आन्दोलन की शुरूआत की गयी थी और लक्ष्य था कि सर्दी के कारण गांव के स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो। देश में हर साल कँपकपाती सर्दी के कारण हजारों लोगों की मौत हो जाती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुहानी सर्दी आन्दोलन की शुरूआत की गयी थी।
साल 2018 में बना चुके हैं वर्ल्ड रिकाॅर्ड
साल 2018 में रतलिया और उनकी टीम ने एक लाख से अधिक ऊनी परिधान बांटकर गिनिज बुक आफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में आंदोलन का नाम दर्ज करा चुके हैं। इनमें से चालीस फीसदी कपड़े नए थे। उनके आंदोलन में साठ से अधिक समाजसेवी संगठनों और आठ हजार से अधिक युवाओं ने मदद की और चार नवम्बर 2018 में महज पांच घंटे में एक लाख से अधिक उनी परिधान एकत्र करने के साथ उनको जरूरतमंदों तक पहुंचाकर वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाया। उदयपुर शहर से चार सौ टोलियों ने घर-घर जाकर उपयोगी उनी परिधान एकत्र किए थे और उन्हें आदिवासी क्षेत्र के लोगों तथा जरूरतमंदों में बांटा गया था।