Rajasthan: फोन टैपिंग का मामला आलाकमान तक पहुंचा, विधायक से स्पष्टीकरण मांगा गया
Rajasthan कांग्रेस के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने फिर विधायकों के फोन टेप होने की बात दोहराई है। सोलंकी ने कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं तक अपनी बात पहुंचाई है। सचिन पायलट के विश्वस्त सोलंकी ने अपनी ही सरकार पर विधायकों के टेलीफोन टेप कराने का आरोप लगाया था।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने फिर विधायकों के फोन टेप होने की बात दोहराई है। सोलंकी ने कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं रविवार तक अपनी बात पहुंचाई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के विश्वस्त सोलंकी ने शनिवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अपनी ही सरकार पर विधायकों के टेलीफोन टेप कराने का आरोप लगाया था। इस संबंध में आलाकमान से सरकार का पक्ष जानने के साथ ही सोलंकी से स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने अपनी बात दोहराई। उन्होंने कहा हमारे कई विधायकों के फोन टेप हुए और सीआइडी कर्मचारी जासूसी कर रहे हैं। उधर, अशोक गहलोत सरकार और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से सोलंकी द्वारा सत्ता व संगठन के खिलाफ दिए गए सार्वजनिक बयानों की रिपोर्ट संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल व प्रदेश प्रभारी अजय माकन को भेजी है।
वहीं, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मुख्य सचेतक महेश जोशी सरकार के बचाव में सामने आए। दोनों ने कहा कि राज्य सरकार किसी जनप्रतिनिधि के फोन टेप नहीं करती है। खाचरियावास ने कहा कि जिस विधायक ने आरोप लगाए हैं, उन्होंने खुद के फोन टेप करने की बात नहीं कही, बल्कि अन्य विधायकों के फोन टेप होने की बात कही, जो गलत है। सोलंकी अगर सही हैं तो उन्हें उन विधायकों के नाम सार्वजनिक करने चाहिए, जिनके फोन टेप होने की बात वे कह रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री को पूरी बात बतानी चाहिए। जांच हो तो सारा मामला साफ हो जाएगा। आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि को सोच समझाकर बोलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सोलंकी ने शनिवार को अपनी ही सरकार पर पायलट खेमे के विधायकों के फोन टेप कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि हमारे कई विधायकों ने यह बात मुझे कही है।
विधायकों के काम नहीं हो रहे
इसी बीच, पायलट खेमा लगातार गहलोत सरकार को घेर रहा है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने एक बयान में कहा कि पायलट समर्थक विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। विधायकों की सिफारिश पर अधिकारी काम भी नहीं कर रहे। राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने में जिन लोगों ने सहयोग किया, उनकी सुनवाई नहीं हो रही। करीब 10 माह पहले आलाकमान द्वार बनाई गई सुलह कमेटी भी कुछ नहीं कर सकी।