Phone Tapping: गहलोत सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को पूछताछ के लिए बुलाया
Phone Tapping Case मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर महेश जोशी को मिले नोटिस को लेकर रणनीति बनाई गई। वरिष्ठ वकीलों से चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार सीएम ने दिल्ली के भी कुछ वकीलों से फोन पर बात की है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी खींचतान जारी है। इसी बीच, टेलीफोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को दिल्ली बुलाया है। हालांकि जोशी दिल्ली जाने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच रोहिणी के प्रशांत विहार कार्यालय में उन्हें बुलाया गया, इंस्पेक्टर सतीश मलिक ने नोटिस जारी किया है। उधर, जोशी ने बुधवार शाम प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली क्राइम ब्रांच के नोटिस को कानूनी प्रावधानों के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें राजनीतिक द्वेष की झलक दिख रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी। जिसमें मुख्य किरदार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत थे। होना यह चाहिए कि प्रधानमंत्री शेखावत को बर्खास्त करें या फिर वह खुद इस्तीफा दे देते। उन्होंने कहा कि वे कानूनी राय ले रहे हैं, फिलहाल दिल्ली जाने का कोई विचार नहीं है।जोशी ने कहा कि शेखावत को बचाने का ठेका केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस को दे दिया है।
जोशी ने दर्ज करवाया था मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले साल पायलट खेमे की बगावत के समय राज्य सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगे थे। सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक ऑडियो मीडियाकर्मियों को भेजा था, जिसमें कथित रूप से शेखावत व पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच गहलोत सरकार गिराने व विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बातचीत होना बताया गया था। जोशी ने इसी के आधार पर स्पेशन ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में मामला दर्ज करवाया था। इसमें शेखावत के नाम का उल्लेख किया गया था।दिल्ली क्राइम ब्रांच का नोटिस मिलने के बाद जोशी ने कहा कि वीडियो ऑडियो टेप में शेखावत की आवाज है या नहीं। इसे लेकर न तो अभी तक उन्होंने वॉइस सैंपल दिया और न ही हलफनामा मांगा गया। उन्होंने कहा मुझे लगता है शेखावत की ऑडियो में आवाज है और उन्हे सैंपल देना चाहिए।
शेखावत ने दर्ज करवाई थी रिपोर्ट
इस मामले में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने इसी साल 25 मार्च को दिल्ली पुलिस में परिवाद दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआइआर दर्ज की थी। शेखावत ने टेलीफोन टैपिंग मामले में खुद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। इसमें लोकेश शर्मा सहित अज्ञात पुलिस अफसरों को आरोपी बनाया गया। पुलिस ने जांचका दायरा बढ़ाते हुए जोशी को भी इसमें शामिल कर लिया। जोशी गहलोत के विश्वस्त माने जाते हैं।