महाराणा प्रताप पर कटारिया के बयान से भाजपा बैकफुट पर, कटारिया के दो बार माफी मांगने पर भी मेवाड़ के लोग आक्रोशित
मंगलवार को समूचे मेवाड़ में कई जगह गुलाबचंद कटारिया के पुतले फूंके गए तथा प्रदर्शन हुए। महाराणाओं के वंशज ने भी कटारिया के बयान की निंदा करते हुए मर्यादित भाषा बोलने की सलाह दी है। उनका कहना है कि महाराणा प्रताप के संघर्ष को कोई कलम नहीं रच सकती।
जासं, उदयपुर। राजसमंद उप चुनाव के दौरान प्रचार रैली में भाजपा के दिग्गज नेता एवं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर विवादित बयान को लेकर भाजपा बैकफुट में आ गई है। कटारिया के दो बार माफी मांगने और गलती स्वीकारने के बावजूद राजपूत समाज और मेवाड़ के लोग आक्रोशित हैं। मंगलवार को समूचे मेवाड़ में कई जगह गुलाबचंद कटारिया के पुतले फूंके गए तथा प्रदर्शन हुए। महाराणाओं के वंशज ने भी कटारिया के बयान की निंदा करते हुए मर्यादित भाषा बोलने की सलाह दी है।
राजसमंद में चुनावी सभा के दौरान कटारिया ने कहा था कि "हमारे पूर्वज 1000 साल तक लड़े हैं। यह महाराणा प्रताप अभी गया ना। उसे क्या पागल कुत्ते ने काटा था। जो अपनी राजधानी और अपना घर छोड़कर डूंगर-डूंगर रोता फिरा। किसके लिए गया था। कुछ समझ में आता है या नहीं। क्या तुम उस पार्टी के साथ जाओगे"।
उनके इस बयान को लेकर मंगलवार को महाराणा प्रताप की जन्म स्थली कुंभलगढ़, राजतिलक स्थल गोगुंदा, रणस्थल हल्दीघाटी, उदयपुर सहित मेवाड़ के कई हिस्सों में कटारिया के खिलाफ राजपूत समाज तथा मेवाड़ के लोगों जमकर आक्रोश निकाला तथा उनके पुतले फूंके।
कटारिया के फोटो सड़कों पर चस्पा कर घोड़ों के पांव तले रौंदवाए। राजपूत समाज और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कटारिया के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क पर विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद कटारिया बैकफुट पर आए।
चौबीस घंटे में दो बार मांगी माफी
महाराणा प्रताप पर दिए बयान पर कटारिया ने पिछले चौबीस घंटे में दो बार सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि महारणा प्रताप को लेकर उनके समझाने का तरीका गलत रहा और आवेश में आकर वह शब्दों का चयन सही नहीं कर पाए। वह इसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में उनसे इस तरह की भूल नहीं होगी। प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप उनके लिए पहले भी सम्मानित थे, आज भी हैं और भविष्य में सम्मानित रहेंगे।
महाराणा के वंशज ने भी जताई नाराजगी
कटारिया के महाराणा प्रताप पर दिए विवादित बयान को लेकर महाराणा के वंशजों ने भी आपत्ति जताई है। मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य अरविन्दसिंह मेवाड़ तथा लक्ष्यराजसिंह ने कटारिया के बयानों की निंदा करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप के संघर्ष को कोई कलम नहीं रच सकती। महाराणा प्रताप शौर्य और संघर्ष के पर्याय हैं। उनके प्रति भाषा की मर्यादा कैसे भूली जा सकती है।