Rajasthan: अश्लील वीडियो के मामले में एएसपी को नोटिस, इन पर भी हो सकती है कार्रवाई
Rajasthan निलंबित डीएसपी हीरालाल सैनी जिस अश्लील वीडियो प्रकरण में एक दिन पहले उदयपुर के अनंता रिसार्ट से गिरफ्तार हुए हैं उनका अश्लील वीडियो 10 जुलाई 2021 को पुष्कर स्थित वेस्टिन रिसार्ट एंड स्पा में बनाया गया था।
अजमेर, संवाद सूत्र। निलंबित डीएसपी हीरालाल सैनी का शनिवार को अजमेर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में मेडिकल मुआयना करवाया गया। सैनी जिस अश्लील वीडियो प्रकरण में एक दिन पहले उदयपुर के अनंता रिसार्ट से गिरफ्तार हुए हैं, उनका अश्लील वीडियो 10 जुलाई, 2021 को पुष्कर स्थित वेस्टिन रिसार्ट एंड स्पा में बनाया गया था। इस वीडियो में सैनी जयपुर कमिश्नरेट की महिला कांस्टेबल के साथ अश्लील हरकतें करते नजर आ रहे हैं। राजस्थान पुलिस की छवि खराब करने वाले इस अश्लील वीडियो के प्रकरण में अब तक तीन आरपीएस, दो पुलिस निरीक्षक और आरोपी महिला कांस्टेबल निलंबित हो चुकी है। संभव है कि अगले कुछ दिनों में आइपीएस स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो। असल में सभी आइपीएस, आरपीएस और थानाधिकारी संदेह के घेरे में इसलिए कि इन्होंने ब्यावर के डीएसपी हीरालाल सैनी को बचाने की कोशिश की।
संबंधित अधिकारी चाहते थे कि यह मामला किसी तरफ रफा दफा हो जाए। किन्तु ऐसा हो ना सका। यहां प्रश्न खड़ा है कि कांग्रेस सरकार में जिस अधिकारी ने सैनी को तीन वर्ष तक ब्यावर में जमाए रखा, उसी का दबाव था कि अश्लील वीडियो प्रकरण दबा दिया जाए। सैनी की ब्यावर में नियुक्ति अगस्त 2018 में तब हुई थी, जब भाजपा का शासन था, लेकिन अशोक गहलोत के नेतृत्व कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी सैनी का स्थानांतरण ब्यावर से नहीं हुआ। ब्यावर बड़ा उपखंड है, इसलिए नवनियुक्त आइपीएस को ब्यावर में नियुक्त किया जाता है। 10 सितंबर को भी सरकार ने आइपीएस का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कुंदन कावरिया को ब्यावर का सहायक पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया है, लेकिन यह तभी संभव हुआ, जब हीरालाल सैनी सस्पेंड होने के बाद गिरफ्तार हो गए।
बताते हैं पूर्व में भी गहलोत सरकार ने एक नवनियुक्त आइपीएस को नियुक्ति था, लेकिन सैनी ने अपने प्रभाव से आइपीएस की नियुक्ति निरस्त करवा दी। चुंकि गृह विभाग भी सीएम गहलोत के पास ही है, इसलिए सीएमआर के अधिकारी पुलिस महकमे में बहुत प्रभाव रखते हैं। अब तक की जांच पड़ताल में यह सामने आया है, जयपुर कमिश्नरेट की महिला कांस्टेबल ने ही 26 जुलाई को जयपुर के कालवाड़ पुलिस स्टेशन पर मुकदमा दर्ज कराया था। इससे दो व्यक्तियों पर दस लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया गया। दोनों व्यक्तियों ने महिला कांस्टेबल को धमकी दी थी कि यदि 10 लाख रुपये नहीं दिए तो पुष्कर के वेस्टिन रिसार्ट के स्विमिंग पुल में बना अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा।
पुलिस महकमें के गलियारे में चर्चा में यह भी है कि वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए 50 लाख रुपये में सौदा भी हो गया, लेकिन 50 लाख रुपये की सुपुर्दगी को लेकर विवाद हो गया। इससे समझौता नहीं हो सका। बात बिगड़ने के बाद ही दो अगस्त को महिला कांस्टेबल के पति ने नागौर के चितावा थानाधिकारी को अश्लील वीडियो की जानकारी दी थी। कालवाड़ और चितावा की शिकायतों पर नियमानुसार कार्रवाई करने के बजाए पुलिस के अधिकारी समझौते में लगे रहे। अब इस प्रकरण में महिला कांस्टेबल के पति की भूमिका को भी संदिग्ध माना जा रहा है।
एएसपी मीणा को नोटिस
ब्यावर के निलंबित डीएसपी सैनी के अश्लील वीडियो प्रकरण में नागौर के जिला पुलिस अधीक्षक अभिजीत सिंह ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा और एसपी आफिस के अपराध सहायक गोविंद सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि महिला कांस्टेबल के पति की लिखित शिकायत जब डाक से प्राप्त हुई थी तो इन दोनों अधिकारियों ने घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक को नहीं दी। चूंकि इस दिन पुलिस अधीक्षक जनसुनवाई में व्यस्त थे, इसलिए आफिस में प्राप्त डाक को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मीणा ने ही देखा था।