MSP: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले, एमएसपी पर कानून बनना चाहिए

MSP मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं किसानों के लिए राज्यपाल का पद तक छोड़ दूंगा। मलिक ने झुंझुनूं यात्रा के दौरान कहा कि मैं तो किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार से लड़ाई भी लड़ चुका हूं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 11:04 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 11:08 PM (IST)
MSP: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले, एमएसपी पर कानून बनना चाहिए
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी कानून बनाना चाहिए। एमएसपी कानून बनने के बाद निश्चित ही किसानों का मुद्दा हल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत बेहद खराब है। किसान 10 माह से घर छोड़कर आंदोलन कर रहे हैं। अभी बुवाई का समय है, लेकिन किसान आंदोलन कर रहे हैं। मलिक ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं किसानों के लिए राज्यपाल का पद तक छोड़ दूंगा। मलिक ने रविवार को झुंझुनूं यात्रा के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं तो किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार से लड़ाई भी लड़ चुका हूं। एमएसपी के मुद्दे पर किसानों की सुनवाई होनी चाहिए। मलिक ने कहा कि एमएसपी जब लागू हो जाएगा तो किसानों का आंदोलन अपने आप समाप्त हो जाएगा। काफी समय से किसानों पर ज्यादती हो रही है। अगर किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो मुश्किल होगी।

कहा-मैं किसान आंदोलन समाप्त कराने के लिए मध्यस्तथा कर सकता हूं

उन्होंने कि कहा कि अगर मुझे कहा जाए तो मैं किसान आंदोलन समाप्त कराने के लिए मध्यस्तथा कर सकता हूं। तीनों कृषि कानूनों को लंबित ही रहने दिया जाना चाहिए। लखीमपुर खीरी मामले की चर्चा करते हुए मलिक ने कहा कि यह विडंबना है कि आज तक केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा नहीं लिया गया है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पर निशाना साधते हुए कई कटाक्ष किए। इस प्रकरण की सही जांच होनी चाहिए। उन्होंने पिछले दिनों हुए आतंकी हमलों की चर्चा करते हुए कहा कि जब मैं जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल था तो वहां आतंकी हमले काफी हद तक कम हुए थे। आतंकी कई किलोमीटर तक अंदर नहीं आ सकते थे। अब तो श्रीनगर शहर में आकर गरीबों को आतंकी निशाना बना रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सिख समाज हमेशा ही देशभक्त रहा है। इस पर किसी भी तरह का लांछन लगाना हमारे इतिहास का अपमान है। 

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