Rajasthan: अजमेर के डिप्टी मेयर को लेकर कांग्रेस को भाजपा के पार्षदों में फूट के आसार

Rajasthan वार्ड 71 से भाजपा पार्षद रमेश सोनी को डिप्टी मेयर बनवाने को भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी अड़ गए हैं। देवनानी का तर्क है कि जब मेयर का पद दक्षिण क्षेत्र की पार्षद को मिल गया है तब डिप्टी मेयर का पद उत्तर क्षेत्र के पार्षद को मिलना चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 07:09 PM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 07:09 PM (IST)
Rajasthan: अजमेर के डिप्टी मेयर को लेकर कांग्रेस को भाजपा के पार्षदों में फूट के आसार
अजमेर के डिप्टी मेयर को लेकर कांग्रेस को भाजपा के पार्षदों में फूट के आसार। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: अजमेर नगर निगम में आठ फरवरी को होने वाले डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा पार्षदों में फूट के आसार है। डिप्टी मेयर पद के कई दावेदार मैदान में हैं, इसलिए भाजपा की पार्षदों के एकजुट रहने में संशय है। यह बात और है कि भाजपा की तरफ से अजमेर नगर निगम के चुनाव प्रभारी और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि जिस प्रकार मेयर के चुनाव में भाजपा के पार्षद एकजुट रहे हैं, उसी प्रकार डिप्टी मेयर के चुनाव में भी पार्षद एकजुट रहेंगे। चतुर्वेदी ने कहा कि 80 में से कांग्रेस के 18 पार्षद हैं, लेकिन ये 18 पार्षद भी एक साथ बैठने को तैयार नहीं है। जो पार्टी खुद विभाजित है, उसे भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी के पार्षदों से कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। चतुर्वेदी ने कहा कि हर पार्षद अपना दावा रखता है, लेकिन निर्णय पार्टी स्तर पर होता है। आठ फरवरी को भाजपा की ओर से डिप्टी मेयर के पद के लिए सिर्फ एक नामांकन दाखिल करवाया जाएगा और वही उम्मीदवार अजमेर का डिप्टी मेयर बनेगा। चूंकि अब मेयर का चुनाव संपन्न हो चुका है, इसलिए डिप्टी मेयर के चुनाव की रणनीति बनाई जा रही है। कांग्रेस को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए।

देवनानी का दावा, सोनी बने उपाध्यक्ष

वार्ड 71 से भाजपा पार्षद रमेश सोनी को डिप्टी मेयर बनवाने के लिए भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी अड़ गए हैं। देवनानी का तर्क है कि जब मेयर का पद दक्षिण क्षेत्र की पार्षद को मिल गया है, तब डिप्टी मेयर का पद उत्तर क्षेत्र के पार्षद को मिलना चाहिए। रमेश सोनी लगातार पार्टी के प्रति वफादार रहे हैं। उन्होंने कभी भी पार्टी के साथ बगावत नहीं की। मौजूदा समय में भी सोनी शहर भाजपा के महामंत्री हैं। सोनी पहले भी पार्षद रह चुके हैं और वार्ड बदलने के बाद भी लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। भाजपा के अधिकांश पार्षद सोनी के समर्थन में हैं। सूत्रों के अनुसार, विधायक देवनानी जिस तरह रमेश सोनी के लिए अड़े हैं, उससे वार्ड नंबर चार के भाजपा पार्षद ज्ञान सारस्वत बेहद नाराज हैं। चुनाव के दौरान देवनानी ने सारस्वत को भी डिप्टी मेयर बनाने का भरोसा दिलाया था। देवनानी के कहने पर ही सारस्वत ने वार्ड संख्या तीन से भाजपा की उम्मीदवार प्रतिभा पाराशर को जितवाने में पूरी ताकत लगाई। प्रतिभा को देवनानी की सिफारिश पर ही उम्मीदवार बनाया गया था। अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिभा ने अपनी प्रचार सामग्री में ज्ञान सारस्वत के फोटो भी लगाए।

सारस्वत ने प्रतिभा के समर्थन में अपील भी जारी की। सारस्वत ने तो अपने वायदे के मुताबिक, प्रतिभा पाराशर को जितवा दिया, लेकिन अब सारस्वत को देवनानी से अपेक्षित समर्थन नहीं मिल रहा है। हालांकि भाजपा पार्षदों के बीच सारस्वत को भी समर्थन मिल रहा है। अधिकांश पार्षद सारस्वत को डिप्टी मेयर बनाए जाने के समर्थन में हैं। सारस्वत के पक्ष में दिए जा रहे तर्कों में यह भी है कि डिप्टी मेयर का पद अनारक्षित है। जब एससी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित मेयर के पद पर बृजलता हाड़ा का चयन हो चुका है, तब ओबीसी वर्ग के रमेश सोनी को डिप्टी मेयर नहीं बनाया जाना चाहिए। सूत्रों की माने तो सारस्वत के समर्थन के सभी तर्कों पर विधायक देवनानी की राय भारी पड़ रही है। देवनानी ने इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से भी बात की है। वहीं, सोनी के विरोधियों ने भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को बताया है कि सोनी के विरुद्ध एक चिटफंड घोटाले में शामिल होने के आरोप भी लगे हैं। इस मामले में पुलिस में मुकदमा दर्ज होना भी बताया जा रहा है। वहीं, सोनी ने ऐसे सभी आरोपों से इनकार किया है। सोनी का कहना है कि मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंदी झूठा प्रचार कर रहे हैं।

पार्षदों की राय शुमारी

जिस प्रकार मेयर पद के लिए भाजपा के पार्षदों की राय जानी गई, उसी प्रकार अब डिप्टी मेयर के पद के लिए पार्षदों की राय ली जा रही है। पार्षदों से पर्ची में अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम लिख कर देने के लिए कहा गया है। ऐसे नाम मेयर पद के लिए भी मांगे गए थे और फिर चुनाव प्रभारी अरुण चतुर्वेदी ने कहा था कि पार्षदों का बहुमत बृजलता हाड़ा के साथ है। अब आठ फरवरी को ही पता चलेगा कि भाजपा पार्षदों का समर्थन डिप्टी मेयर के लिए किस पार्षद के पक्ष में रहा है। चूंकि डिप्टी मेयर के पद को लेकर कई दावेदार हैं, इसलिए भाजपा के अंदर सतर्कता बरती जा रही है। यदि रमेश सोनी का नाम चलता है तो ओबीसी वर्ग के अजय वर्मा भी पीछे नहीं है। इसी प्रकार भाजयुमो के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज जैन भी डिप्टी मेयर के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। 

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