Rajasthan: 57 किलो सोने के लिए 55 साल से आंजना परिवार लड़ रहा है कानूनी लड़ाई, मंगलवार को होगी सुनवाई

Legal Battle राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में छोटी सादड़ी का आंजना परिवार पिछले 55 साल से 57 किलो सोने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 04:26 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 05:56 PM (IST)
Rajasthan: 57 किलो सोने के लिए 55 साल से आंजना परिवार लड़ रहा है कानूनी लड़ाई, मंगलवार को होगी सुनवाई
Rajasthan: 57 किलो सोने के लिए 55 साल से आंजना परिवार लड़ रहा है कानूनी लड़ाई, मंगलवार को होगी सुनवाई

उदयपुर, संवाद सूत्र। Legal Battle: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की छोटी सादड़ी का आंजना परिवार पिछले 55 साल से 57 किलो सोने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। सोने के मालिक अब इस दुनिया में नहीं रहे और हक की लड़ाई वारिसों के जरिये अब भी जारी हैं। चित्तौड़गढ़ जिले की छोटी सादड़ी तहसील के गोमाना गांव के सर्राफा व्यापारी गणपत लाल पुत्र भैरूलाल आंजना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 16 दिसंबर, 1965 को प्रस्तावित छोटी सादड़ी की यात्रा के दौरान उन्हें सोने से तोलने की घोषणा की थी। इसके लिए आंजना परिवार ने शास्त्रीजी वजन के बराबर 57 किलो 863 ग्राम सोना जिला कलेक्टर कार्यालय में सुरक्षित रखवाया था। वह छोटी सादड़ी आ पाते उससे पहले ही ताशकंद में प्रधानमंत्री शास्त्री जी का निधन हो गया।

इसके बाद आंजना परिवार ने जिला कलेक्ट्रेट में प्रार्थना पत्र पेश कर वहां जमा कराया सोना वापस लौटाने की मांग की। कानूनी दाव पेंच में फंसने के कारण यह सोना आंजना परिवार को वापस नहीं मिल पाया। उसके बाद गणपत लाल आंजना ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। यह लड़ाई उनकी मौत के बाद पुत्र गोवर्धन लाल आंजना और उनके परिवार के सदस्य अभी भी जारी रखे हुए हैं। पिछले 55 साल से यह सोना आंजना परिवार को नहीं मिल पाया। जिसको लेकर आंजना परिवार ने जिला व सत्र न्यायालय में वाद दायर किया। जिस पर लंबे समय से सुनवाई नहीं हो पाई थी। इस सोने के लिए आंजना परिवार ने सरकार से अपील की, किंतु आश्वासन ही मिले। अब गणपत लाल आंजना के सुपुत्र गोवर्धन लाल आंजना और उनके परिवार के सदस्य कानूनी लडाई जारी रखे हुए हैं।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने भी जताया दावा, मंगलवार को होगी सुनवाई

यह सोना पिछले 55 साल से आंजना परिवार को तो नहीं मिला, लेकिन अब केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने भी इस सोने पर दावा जता दिया है। इसको लेकर गोवर्धन लाल आंजना का कहना है कि इससे उनके परिवार वाले बेहद हैरान हैं। उनका कहना है कि उनके पिता द्वारा जमा कराये सोने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग का दावा कैसे जता सकता है? हालांकि केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने  उदयपुर स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में आंजना परिवार के जमा कराए सोने पर हक जताते हुए एक वाद पेश किया है। जिला एवं सत्र न्यायालय उदयपुर ने सुनवाई के लिए इसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भेज दिया है। इस अदालत में अब मंगलवार चार अगस्त को सुनवाई होगी। 

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