रीट में सलेक्शन कराने के एवज में परीक्षार्थियों से लिए लाखों रुपए, फैल होने पर तकाजा किया तो कर दी हत्या

संजय ने हर्ष के जरिए रीट परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के चयन के एवज में प्रति अभ्यर्थी डेढ़ से ढाई लाख रुपए लिए थे। उसी कोचिंग में पढ़ रहे अभ्यर्थियों ने हर्ष को राशि दी थी।परीक्षा में असफल रहने पर दी गई राशि लौटाने के लिए तकाजा शुरू कर दिया।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 01:07 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 01:07 PM (IST)
रीट में सलेक्शन कराने के एवज में परीक्षार्थियों से लिए लाखों रुपए, फैल होने पर तकाजा किया तो कर दी हत्या
रीट में सलेक्शन के एवज में परीक्षार्थियों से लिए लाखों रुपए, फैल होने पर तकाजा किया तो कर दी हत्या

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा(रीट)में सलेक्शन कराने के एवज में एक कोचिंग संचालक ने दोस्त के जरिए कई अभ्यर्थियों से लाखों रुपए ले लिए और जब अभ्यर्थियों का चयन नहीं हुआ और दोस्त ने तकाजा किया तो उसकी हत्या कर दी। यह सनसनीखेज मामला उदयपुर जिले में सामने आया है। इस मामले में कोचिंग संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि हत्या की सुपारी लेने वालों दो सहयोगियों की तलाश जारी है।

पुलिस अधीक्षक मनोज चौधरी ने बताया कि आमलिया गाव के हर्ष कलाल की नृशंस तरीके से हत्या के मामले में पुलिस जांच में जुटी थी। इस मामले में उसके मित्र एवं कोचिंग संचालक संजय परमार को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या की सुपारी लेने उसके दो मित्रों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने संजय परमार से पूछताछ की गई तो जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ।

पता चला कि संजय परमार ने हर्ष कलाल के जरिए रीट परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के चयन कराने के एवज में प्रति अभ्यर्थी डेढ़ से ढाई लाख रुपए लिए थे। उसी की कोचिंग में पढ़ रहे एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों ने हर्ष कलाल को राशि दी थी। रीट परीक्षा में असफल रहने पर उन अभ्यर्थियों ने हर्ष कलाल से दी गई राशि लौटाने के लिए तकाजा शुरू कर दिया।

इधर, हर्ष ने कोचिंग संचालक अपने मित्र संजय परमार ने पैसा लौटाने के लिए तकाजा किया। कोचिंग संचालक संजय परमार पैसा लौटाना नहीं चाहता इसलिए उसने हर्ष की हत्या की साजिश रची। संजय फलासिया तथा मादड़ी क्षेत्र में पिछले तीन साल से कोचिंग क्लासेज संचालित करता था और हर्ष कलाल वहां पढ़ाता था। दिवाली से पहले जब रीट का परिणाम आया तो छात्रों को ठगी का अहसास हुआ और वह हर्ष पर पैसा लौटाने के लिए जोर देने लगे।

हर्ष के दबाव के बाद संजय ने एक-दो अभ्यर्थियों को पैसा लौटाया भी लेकिन बाद में उसने हर्ष को रास्ते से हटाने की साजिश रचना शुरू कर दिया ताकि पैसा नहीं लौटाए। इसके लिए उसने अपने मित्रों को सुपारी दी जो महज पचास हजार रुपए में हर्ष की हत्या करने के लिए तैयार हो गए। हत्या की सजिश के चहत हर्ष को पार्टी के नाम से बुलाया तथा वहां उसे पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या कर दी। उसका चेहरा भी बिगाड़ दिया ताकि उसकी पहचान नहीं हो पाए।

तीन बहनों के इकलौता भाई, हर्ष हो चुकी थी सगाई

पता चला है कि हर्ष तीन बहनों का इकलौता भाई था। उसकी तीन महीने पहले ही सगाई हुई थी और अगले साल गर्मियों में शादी होनी थी। हर्ष की सगाई से तीनों बहनों सहित पूरा परिवार खुश था।  

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