JEE Main Result 2021: जानिए, जेईई मेन में कोटा में तैयारी करने वाले छह टापर्स की सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी

JEE Main Result 2021 जेईई मेन के परिणामों में फिर कोटा का दबदबा दिखा है। टाप रैंक प्राप्त करने वाले 18 स्टूडेंट्स में से छह कोटा में कोचिंग करने वाले हैं। इनमें अंशुल वर्मा सिद्धांत मुखर्जी मृदुल गोयल काव्या चोपड़ा पुलकित गोयल और गुरअमृत सिंह टाप किया हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 08:29 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 08:29 PM (IST)
JEE Main Result 2021: जानिए, जेईई मेन में कोटा में तैयारी करने वाले छह टापर्स की सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी
जेईई मेन में कोटा में तैयारी करने वाले छह टापर्स की सफलता की कहानी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (जेईई मेन) की आल इंडिया रैंक जारी कर दी गई है। जेईई मेन के चारों सेशन के सम्मिलित परिणामों में फिर कोटा का दबदबा दिखा है। टाप रैंक प्राप्त करने वाले 18 स्टूडेंट्स में से छह कोटा में कोचिंग करने वाले हैं। देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में कोचिंग करने वालों में अंशुल वर्मा, सिद्धांत मुखर्जी, मृदुल गोयल, काव्या चोपड़ा, पुलकित गोयल और गुरअमृत सिंह टाप किया हैं। इन्होंने अलग-अलग जेईई मेन सेशन में 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं।

इनोवेटिव इंडिया में योगदान देना चाहता है सिद्धांत मुखर्जी

सिद्धांत मुखर्जी ने जेईई मेन में आल इंडिया रैंक एक हासिल की है। आइआइटीयन बनने का सपना लेकर सिद्धांत मुंबई से कोटा आया। सिद्धांत के पिता संदीप मुखर्जी रिस्क मैनेजमेंट कंपनी संचालित करते हैं। वहीं, मां नवनीता मुखर्जी बैंक में नौकरी करती है। सिद्धांत दो साल से कोटा के एलन इंस्टीट्यूट में तैयारी कर रहा है। वह यहां अपनी नानी के पास रहता है। सिद्धांत बीटेक करने के बाद इनोवेटिव इंडिया में अपना योगदान देना चाहता है। हाल ही में उसे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई के लिए आफर आया है।

कंप्यूटर सांइस की पढ़ाई करना चाहता है मृदुल गोयल

मृदुल गोयल ने फरवरी जेईई मेन केबाद मार्च में भी 100 पर्सेंटाइल हासिल की। मार्च जेईई मेन में मृदुल ने 300 में से 300 अंक प्राप्त किए। मृदुल का कहना है कि वह हमेशा टारगेट लेकर पढ़ाई करता है। सुबह तैयारी कर लेता है कि अगले दिन क्या पढ़ाई करनी है। प्रतिदिन छह से आठ घंटे खुद पढ़ाई करता है। मूल रूप से दिल्ली निवासी मृदुल तीन साल से कोटा के एलन इंस्टीट्यृट में तैयारी कर रहा है। वह आइआइटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहता है। मृदुल के पिता प्रदीप अग्रवाल एक कंपनी में अकाउंट्स मैनेजर और मां पूजा गृहणी है।

काव्या चोपड़ा को गणित और फिजिक्स पंसद 

काव्या चोपड़ा पहली छात्रा है, जिसने जिसने जेईई मेन परीक्षा में पूरे में से पूरे अंक हासिल किए हैं। काव्या ने भी आल इंडिया रैंक एक प्राप्त की है। उसने जेईई मेन में 100 पर्सेंटाइल के साथ 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं। काव्या आइआइटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना चाहती है। मूल रूप से दिल्ली निवासी काव्या के पिता विकास चोपड़ा सॉफ्टवेयर इंजीनियर और मां शिखा शिक्षक है। काव्या का कहना है कि गणित और फिजिक्स पसंद होने के कारण जेईई में जाने का निर्णय लिया।

पुलकित गोयल ने सात से आठ घंटे पढ़ाई की

मूल रूप रूप से पंजाब के बठिंडा निवासी पुलकित गोयल का कहना है कि गणित पसंद है। गणित के सवाल हल करना अच्छा लगता है। जेईई मेल में आल इंडिया एक रैंक लाने वालों में शामिल पुलकित ने बताया कि मैं दो साल से कोटा में तैयार कर रहा हूं। प्रतिदिन सात से आठ घंटे खुद पढ़ाई करने के साथ ही कोचिंग भी गया। जेईई एडवांस क्रेक करने पर पूरा फोकस है। वह आइआइटी मुंबई में सीएस ब्रांच से इंजीनियरिंग करना चाहता है। पुलकित के पिता विजय कुमार गोयल व्यापारी और मां नीलम गृहणी है।

गुरअमृत ने सुबह दो घंटे प्रतिदिन फिजिक्स पढ़ी

जेईई मेन फरवरी में 100 पर्सेंटाइल स्कोर करने वाले गुरअमृत ने बताया उसने प्रतिदिन सुबह के समय दो घंटे फिजिक्स पढ़ी। उसके बाद दो से तीन घंटे केमिस्ट्री और रात को गणित की पढ़ाई की। लाकडाउन के दौरान कोचिंग नहीं गए तो आने-जाने का समय बचा। आनलाइन क्लास में शामिल होने के साथ ही खुद की पढ़ाई पर ध्यान दिया। गुरअमृत ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ प्रतिदिन फुटबाल और क्रिकेट भी खेला। चंडीगढ़ निवासी गुरअमृत के पिता प्रियदर्शन सिंह कपड़े के व्यापारी और मां प्रीती गृहणी है।

अंशुल को क्रिकेट और चेस खेलने का शौक

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी अंशुल ने भी 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं। अंशुल ने आनलाइन क्लास में शामिल होने के बजाय कोटा में रहकर कोचिंग में जाकर पढ़ाई करने का प्राथमिकता दी। चेस और क्रिकेट का शौकीन अंशुल आइआइटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना चाहता है।

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