Rajasthan: बेटियों को न दे जमीन इसलिए खाप पंचायत ने 80 वर्षीय महिला पर लगाया 40 लाख जुर्माना, समाज से किया बहिष्कृत

भीलवाड़ा में एक 80 साल की बुजुर्ग महिला पर खाप पंचायत ने 40 लाख का जुर्माना लगाकर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया है। पीड़िता के पास बारह बीघा भूमि है जिसे वह अपनी तीनों बेटियों के नाम करना चाहती है जो उसके रिश्तेदारों को रास नहीं आया।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 11:36 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 12:45 PM (IST)
Rajasthan: बेटियों को न दे जमीन इसलिए खाप पंचायत ने 80 वर्षीय महिला पर लगाया 40 लाख जुर्माना, समाज से किया बहिष्कृत
80 साल की एक बुजुर्ग महिला पर 40 लाख रुपए जुर्माना

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान के भीलवाड़ा में खाप पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला को समाज से बहिस्कृत कर दिया। साथ ही उस पर 40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बुजुर्ग महिला को शरण देने पर उसकी बेटी को भी समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। बुजुर्ग महिला का कसूर ये है कि वह अपनी जमीन में बेटियों को हिस्सा देना चाहती है। बुजुर्ग महिला की शिकायत पर भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक ने कारोई थानाधिकारी को जांच कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार मामला भीलवाड़ा जिले के करौईखेड़ा गांव का है, जहां 80 साल की बुजुर्ग झमकू देवी पर खाप पंचायत ने समाज से बहिष्कृत करने के साथ 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पंचायत के फैसले के बाद झमकू देवी ने जब अपनी बेटी के यहां शरण ली तो उसे भी समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। पीड़िता झमकू बाई ने पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा को बताया कि उसके पति की चार साल पहले मौत हो गई थी। उसकी तीन बेटियां और एक बेटा था। बेटे की मौत पहले हो गई थी और तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। उसके पास 12 बीघा भूमि है। इसमें से तीन-तीन बीघा भूमि वह अपनी बेटियों को देना चाहती है और शेष तीन बीघा जमीन अपने पास रखना चाहती है।

बेटियों को जमीन देने का विचार, उसके रिश्तेदारों को रास नहीं आ रहा। लिहाजा रिश्तेदारों द्वारा जाति पंचों से मिलकर उस पर दबाव बनाया जा रहा था कि वह अपनी भूमि देवर और जेठ के नाम कर दे। इसके लिए वह तैयार नहीं थी। कई बार इस मसले पर पंचायत बुलाई गई और पंचायत ने भूमि देवर और जेठ के नाम करने का आदेश सुनाया। इसके लिए वह सहमत नहीं हुई तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। पंचायत के फैसले के बाद बुजुर्ग महिला ने बेटी के घर शरण ली तो उसे भी समाज से निकाल दिया गया। भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का कहना है कि मामले की जांच कारोई थानाधिकारी को सौंपी गई है।

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