Black Money: ज्वैलर ग्रुप की कंपनियों ने 80 करोड़ की ब्लैकमनी सरेंडर की

Black Money जयपुर के ज्वैलर ग्रुप की कंपनियों ने 80 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी (काला धन) सरेंडर की है। आयकर विभाग की पांच दिन तक चली कार्रवाई के बाद कंपनियों की तरह से इस राशि की घोषणा की गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:23 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:23 PM (IST)
Black Money: ज्वैलर ग्रुप की कंपनियों ने 80 करोड़ की ब्लैकमनी सरेंडर की
ज्वैलर ग्रुप की कंपनियों ने 80 करोड़ की ब्लैकमनी सरेंडर की। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में जयपुर के ज्वैलर ग्रुप की कंपनियों ने 80 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी (काला धन) सरेंडर की है। आयकर विभाग की पांच दिन तक चली कार्रवाई के बाद कंपनियों की तरह से इस राशि की घोषणा की गई है। आयकर विभाग की तीन टीमों ने ज्वैलर ग्रुप और सहयोगियों के 56 ठिकानों पर छापे मारे थे। सूत्रों के अनुसार, शहर के गौरव टावर के मालिक ज्वैलर निर्मल बरडिया ने 55 करोड़ रुपये की ब्लैकमनी टैक्स के लिए सरेंडर की है। वहीं, दूसरे कारोबारी राधा मोहन तोतला ने 21 करोड़ रुपये और इनके अन्य सहयोगियों ने चार करोड़ रुपये की ब्लैकमनी मानी है। आयकर विभाग की टीमें अभी भी दस्तावेजों के सत्यापन में जुटी है। बरड़िया के दो पैन ड्राइव जब्त किए गए हैं। इनमें बेनामी लेनदेन का रिकार्ड होने की आशंका है। तीन टीमों ने पांच दिन पहले 56 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। इनमें जयपुर के 46, दिल्ली, मुंबई और टोंक के 10 ठिकानों पर जांच की गई। छापों की कार्रवाई में 400 से ज्यादा कर्मचारी जुटे रहे।

इनके ठिकानों पर हुई थी छापेमारी

गौरतलब है कि श्रीगंगानगर में कांग्रेस नेता अशोक चांडक और रिद्ध-सिद्धि बिल्डर समूह के 33 ठिकानों पर पांच दिन तक चली आयकर विभाग की छापेमारी में 50 करोड़ की ब्लैकमनी की जानकारी सामने आई है। आयकर विभाग की कार्रवाई 28 अक्टूबर को जयपुर और श्रीगंगानगर के विभिन्न ठिकानो पर एक साथ शुरू की गई थी। पांच दिन तक छानबीन चली। आयकर विभाग की टीमों ने कुल 2.31 करोड़ की नकदी और 2.48 करोड़ मूल्य के जेवरात बरामद किए हैं। चांडक और बिल्डर समूह से जुड़ी कंपनियों का शराब, खनन और भवन निर्माण का कारोबार है। समूह ने 35 करोड़ की अघोषित आय मानकर उस पर टैक्स देने की पेशकश की है, लेकिन आयकर विभाग 50 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय बता रहा है। अधिकारी छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों की पड़ताल में जुटे हैं। पांच दिन तक चली कार्रवाई में आयकर विभाग के 250 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए थे।

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